अगरतला। त्रिपुरा से लाकर राजस्थान में बेची गयी 14 वर्षीय लड़की को त्रिपुरा उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद कल राज्य में वापस लाया गया। चौदह वर्षीय लड़की को त्रिपुरा के उनाकोटी जिले से राजस्थान के रेटाचेर्रा गांव में बेचा गया था, जहां से लड़की मई में भागने में कामयाब हो गयी थी। उच्च न्यायालय ने एक मुकदमे की सुनवाई करते हुए इस मामले के संबंध में त्रिपुरा प्रशासन और राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग तथा त्रिपुरा बाल संरक्षण आयोग को नोटिस जारी किया था।
बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए त्रिपुरा आयोग की अध्यक्ष नीलिमा घोष ने कहा कि राजस्थान सरकार ने पिछले महीने लड़की को वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से संक्रमित पाया था और ढाई महीने की गर्भवती भी पाया गया था, जिसके बाद उसका इलाज किया गया और ठीक होने के बाद वापस त्रिपुरा लाया गया। उन्होंने कहा कि समेकित बाल विकास सेवा की एक टीम त्रिपुरा से राजस्थान गई थी और सभी कार्यवाही तथा कागजी कार्रवाई के बाद उसे वापस ले जाया गया।
उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी अदालत को दे दी गयी है और उच्च न्यायालय के अगले दिशा-निर्देश के बाद इस मामले में कार्रवाई की जायेगी। इससे पहले त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को नाबालिग लड़की की स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी करने का निर्देश दिया था। न्यायालय एक खंडपीठ ने इस मामले में त्रिपुरा के गृह विभाग सहित सभी संबंधी संस्थाओं को उसे सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए दो दिनों के भीतर जवाब मांगा था। सभी पक्ष अदालत के समक्ष उपस्थित हुए और बताया कि लड़की को कोरोना संक्रमित पाया गया है।
इसके अलावा अदालत ने राष्ट्रीय आयोग को लड़की की देखभाल करने के लिए कहा और सुनवाई की अगली तारीख छह जुलाई की तय की। चौदह वर्षीय लड़की को कथित तौर पर मार्च में त्रिपुरा से राजस्थान ले जाया गया था और कथित तौर पर उसे वहां बेच दिया गया था। राजस्थान पुलिस ने उसे एक दूर के गांव से बचाया लेकिन उसने उस व्यक्ति के साथ वापस जाने से इनकार कर दिया जिसने लड़की के गुमशुदा होने का मामला दर्ज कराया था।