अगरतला। त्रिपुरा में कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के मामले बढ़कर 647 हो गये। त्रिपुरा कोविड-19 के मामलों से पूर्वोत्तर के प्रभावित राज्यों में दूसरे नंबर पर है। देश के विभिन्न राज्यों में फंसे लोगों के वापस आने से राज्य में संक्रमितों के मामलों में वृद्धि हुई है। त्रिपुरा उन राज्यों में शुमार है जिनमें अभी तक एक भी व्यक्ति की महामारी से मौत नहीं हुई है। राज्य सरकार ने नियमित उड़ान सेवा के फिर से शुरू होने के बाद वापसी के लिए ट्रेन यात्रा की सुविधा बंद कर दिया है। यहां दो जून को आखिरी ट्रेन आयी थी।
इसके कारण अब राज्य में आने का एकमात्र साधन कोलकाता से उड़ान या फिर असम के चुरीबारी और मिजोरम के दमचरा की अंतरर्राज्यीय सीमा से सड़क मार्ग है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने राज्य में लौटने वाले प्रत्येक व्यक्ति नमूने लेने का फैसला किया है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने दावा किया कि विभाग नए मामलों की वृद्धि रोकने के लिए सभी उपाय कर रहा है इसी रणनीति के तहत राज्य में वापस लौट रहे सभी बिना लक्षण वाले लोगों और उनके परिजनों को दो सप्ताह के घर पर क्वारंटीन पर रखा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि संशोधित दिशा निर्देशों के अनुसार हम कम से कम एक माह तक पंजीकृत पॉजिटिव और निगेटिव लोगों के स्वास्थ्य की निगरानी करेंगे। कोविड निगरानी दल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘अगर निगेटिव और बिना लक्षण वाले मरीज इलाज के बाद ठीक हो जाते है तो हमारी सलाह है उन्हें बीमारी की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए एक माह तक स्वयं आईसोलेशन में रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने बीमारी की रोकथाम के लिए सार्वजनिक जगहों पर मास्क लगाना, सामाजिक दूरी, राजनीतिक और सामाजिक सभा पर रोक, स्वयं का सेनेटाइजेसन और स्वच्छता को लंबे समय के लिए लागू करने का निर्णय लिया है। ताजा आंकड़ों के अनुसार पिछली रात एक सैन्य अधिकारी सहित 25 लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे।
जिसके बाद राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 474 हो गई जबकि 173 लोग बीमारी से ठीक हो चुके है। इसके अलावा धलाई जिले के नलकटा कैंप में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की तीसरी बटालियन एक जवान कोरोना संक्रमित पाया गया है। सभी नए मामलों का यात्रा इतिहास है। अब तक कुल 43920 लोगों के कोविड परीक्षण के नमूने लिए गए और 31139 नमूनों का परीक्षण किया जा चुका है। इस समय 13 हजार लोग निगरानी में तथा 681 लोग क्वारंटीन में है।