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राजभवन जैव विविधता और जैविक खेती का आदर्श प्रस्तुत करे: टंडन

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 5 2020 6:36PM | Updated Date: Jun 5 2020 6:41PM
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भोपाल। मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने निर्देशित किया है कि राजभवन भोपाल और पंचमढ़ी में आकर्षक और आत्म निर्भर उद्यानों का पर्यटन केन्द्र के रूप में विकास किया जाए। आधिकारिक जानकारी के अनुसार टंडन विश्व पर्यावरण दिवस अवसर पर आयोजित संरक्षित खेती के लिए निर्मित पॉली हाऊस शुभारम्भ के बाद उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से आज चर्चा कर रहे थे। राजभवन के आगंतुकों को मध्यप्रदेश की जैव विविधता, आधुनिक जैविक पद्धति से बागवानी और फल एवं पुष्प उद्यान की लाभकारी और आत्मनिर्भर खेती की जानकारी और प्रेरणा प्राप्त हो।
 
उन्होंने कहा है कि राजभवन में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग नहीं किया जाए। राजभवन में उपलब्ध कचरे, गोबर, गो-मूत्र इत्यादि जैविक और प्राकृतिक तत्वों का उपयोग कर कृषि एवं उद्यानिकी फसल के लिये खाद और कीटनाशकों का निर्माण किया जाये। इस अवसर पर प्रमुख सचिव उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण कल्पना श्रीवास्तव, राज्यपाल के सचिव मनोहर दुबे सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। टंडन ने कहा कि राजभवन के फल और पुष्प उद्यान आदर्श उद्यान के रुप में विकसित किये जाएं जो सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र बने।
 
उद्ययान निर्माण और संचालन का मूल आधार आत्म निर्भरता हो। उन्होंने कहा सभी कार्य प्रदर्शनात्मक तरीके से किये जायें ताकि उन्हें देखकर दूसरों को जानकारी और कार्य करने की प्रेरणा मिलें। आधुनिक, जैविक, उद्यानिकी पद्धतियों का व्यवहारिक रूप देखने को मिले। उन्होंने उद्यानिकी फसलों को लाभकारी बनाने के लिए उपयुक्त फल और पुष्प की किस्मों को देख सकें। आत्म निर्भरता के लिए जैविक खाद और कीटनाशकों के उत्पादन के साथ ही भारतीय केचुओं के उत्पादन के प्रयास भी किये जाएं।
 
वर्तमान वर्मी कम्पोस्ट में उपयोग किए जाने वाले केंचुए केवल गोबर एवं अन्य को खाद में परिवर्तित कर देते हैं। जबकि भारतीय केचुएं कृषि भूमि की उत्पादकता को बढ़ाने में सहयोग करते हैं। राज्यपाल ने कहा कि राजभवन भोपाल और पचमढ़ी में बागवानी का उत्कृष्ट स्वरूप विकसित किया जाए। इसका विस्तृत प्लान बनाया जाए। जैविक खेती, जीरो बजट खेती का व्यवहारिक रुप तैयार करें। यहाँ प्रशिक्षण की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाए, जिसे देखकर रासायनिक कीटनाशकों, उर्वरकों के स्थान पर जैविक उत्पादों के उपयोग की जानकारी मिले। उन्होंने कहा कि राजभवन की गोशाला में देशी उन्नत नस्लों की गायों का पालन किया गया है।
 
गोशाला दूग्ध उत्पादों की आवश्यकता की आपूर्ति के साथ ही देशी नस्ल सुधार कार्यक्रम का पॉयलट प्रोजेक्ट भी है। राजभवन पॉली हाऊस में वर्षभर सब्जियों का उत्पादन होगा। पॉली हाऊस में नियंत्रित वातावरण में खेती होने से फसल की उत्पादकता भी कई गुना अधिक होगी। यह कीट व्याधियों से भी मुक्त होती है।
 
पॉली हाऊस में हाई ब्रिड टमाटर के 150 पौधे रोपे गए हैं। इनसे अनुमानत: 7.5 क्विंटल उत्पादन होगा। इसी तरह खीरे के 255 पौधे लगाए गए हैं। इनसे 10 क्विंटल उत्पादन होना संभावित है। शिमला मिर्च के 80 पौधे लगे हैं। इनसे करीब ढाई क्विंटल शिमला मिर्च का उत्पादन होगा। उन्होंने बताया­ कि पत्ती वाली हरी सब्जियों का पॉली हाऊस में औसत उत्पादन प्रति वर्ग फीट लगभग दो से तीन किलोग्राम होता है।
 
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