दरभंगा। प्रतिष्ठित काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी के सांख्यिकी विभाग के प्रो. ज्ञान प्रकाश सिंह ने कहा है कि सांख्यिकी एक ऐसा विज्ञान है जिसमें आंकड़ों का संग्रह विश्लेषण व्याख्या, स्पष्टीकरण और प्रस्तुति की जाती है। सिंह ने बिहार के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के के स्रातकोत्तर समाजशास्त्र विभाग में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा संपोषित सामाजिक विज्ञान में शोध पद्धति विषयक कार्यशाला के छठे दिन शोध में सांख्यिकी पर अपना व्याख्यान देते हुए कहा कि सामाजिक विज्ञान में गुणात्मक तथ्यों को गणणात्मक तथ्य में बदलने में इसका महत्व है। उन्होंने सांख्यिकी के उद्देश्यों पर चर्चा करते हुए कहा कि सांख्यिकी घटनाओं एवं आंकड़ों का संकलन करता है, आंकड़ों का व्यवस्थापन करता है, उपकरणों की जांच एवं परीक्षण आदि कार्य करता है। जबकि सारणीयन में वर्गीकृत तथ्यों को एक तालिका के अंतर्गत कुछ इस प्रकार से व्यवस्थित किया जाता है कि तथ्यों की विशेषताएं एवं उसका तुलनात्मक महत्व और भी अधिक हो जाता है।
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के भूगोल के सहायक प्राध्यापक डॉ. दर्शन कुमार झा ने मात्रात्मक शोध पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने आगमनात्मक और निगमनात्मक पद्धति पर चर्चा करते हुए कहा कि यह सुनियोजित पारंपरिक रूप से सामाजिक विज्ञान के साथ ही बाजार अनुसंधान और अन्य संदर्भ में जांच की एक विधि है। इसमें शोधकर्ताओं का उद्देश्य मानवीय व्यवहार और ऐसे व्यवहार को शासित करने वाले कारणों को गहराई से समझना है। कार्यशाला निदेशक सह विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विनोद कुमार चौधरी ने कहा कि कार्यशाला में विभिन्न अतिथि विद्वान के द्वारा अलग-अलग विषय पर अपना व्याख्यान और प्रशिक्षण देने से कार्यशाला अपने उच्च मुकान की ओर अग्रसर है। कार्यशाला में शोध छात्र प्रशिक्षण पाकर उच्च शोध स्तर की ओर अग्रसर हो रहे हैं ।