वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बेसिक शिक्षा में गुणात्मक सुधार के मद्देनजर सोमवार को ‘‘अभिनव प्रयास एवं रणनीति’’ विषय पर मंडलीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि प्राथमिक स्कूलों के बच्चे देश की सबसे बड़ी संपदा है। इनको अच्छा एवं महान बनाने में शिक्षकों की अहम भूमिका है। प्राथमिक शिक्षक का कार्य कठिन है। बच्चे अपने शिक्षक की बात सबसे ज्यादा मानते हैं। स्कूल का वातावरण ऐसा बने की बच्चा स्कूल आने से नहीं डरे बल्कि स्कूल जाने के लिए हमेशा तैयार रहे। उन्होंने स्कूलों में खेलकूद, प्रतियोगिताएं, मनोरंजक ढंग से पढ़ाई, बच्चों के साथ शिक्षक का आत्मीय संवाद जैसे क्रियाकलापों के साथ-साथ बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर दिया। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि शिक्षक चाहे तो अपने स्कूल को अच्छा एवं बच्चों को उत्कृष्ट बना सकता है।
स्कूल की पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ती है, तो सभी संसाधन स्वत: उपलब्ध होने लगते हैं। उन्होंने बच्चों की पढ़ाई में अभिभावकों के सहयोग लेने पर जोर देते हुए कहा कि अभिभावक के स्तर से बच्चों के सुधार में क्या हो सकता है, इसका आंकलन कर उन्हें बताएं। ‘मिशन प्रेरणा’ के महानिदेशक विजय किरण आनंद ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा चार सितंबर 2019 को शुरू हुए मिशन में प्रथमिक शिक्षा में आॅपरेशन कायाकल्प, क्वालिटी फ्रेमवर्क, मानव संपदा माड्यूल, प्रेरणा समीक्षा, कस्तूरबा विद्यालय, लाइब्रेरी, स्पोर्ट्स आदि कार्यक्रम संचालित की जा रही हैं। ऑपरेशन कायाकल्प में स्कूलों में आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता की जा रही है। मिशन प्रेरणा में हर बच्चे को बुनियादी शिक्षा देना है। उन्होंने कहा कि अगले माह तक विकासखंड, जिला, मंडल एवं प्रदेश को प्रेरक प्रदेश बनाने के लक्ष्य में वाराणसी अगुवाई करेगा। प्राथमिक कक्षाओं की परीक्षा भी पूरी तरह नकलविहीन होगी। बुनियादी शिक्षा में अंतरराष्ट्रीय स्तर की टीमों द्वारा हर बच्चे एवं स्कूल की निगरानी होगी। हर बच्चा हर दिन स्कूल आए।