रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दावा किया है राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर(एनआरसी) के मसले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह के बीच मतभेद है। बघेल ने आज यहां नगरीय निकायों के कांग्रेस के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि गृह मंत्री शाह कहते है कि एनआरसी पूरे देश में होगी जबकि प्रधानमंत्री मोदी कहते है कि ऐसा कोई प्रस्ताव नही है।दोनो के बयानों से साफ लगता है कि दोनो के बीच इस मसले पर मतभेद है,जिसके चलते पूरा देश आन्दोलित है।
उन्होने कहा कि मोदी ने पिछले कायर्काल में पांच वर्ष देश के बहुत तकलीफ दी,जबकि यह समय शाह का है,उन्होने सात महीने में ही इतनी तकलीफ दे दी कि लोग सड़क पर उतर पड़े है।उन्होने कहा कि महंगाई बेरोजगारी पर चर्चा की बजाय देश में नागरिकता को लेकर चर्चा हो रही है।कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश के लोगो को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए दौड़ लगाने को मजबूर होना पड़ेगा। छत्तीसगढ़ का जिक्र करते हुए उन्होने कहा कि राज्य में 40 प्रतिशत से अधिक लोग गरीबी रेखा के नीचे है,जाहिर है कि उनके पास खेती की जमीन नही है,माता पिता या तो अशिक्षित है या कम पड़े लिखे है।कहां से वह कागज जुटायेंगे,और आवेदन करेंगे।
उन्होने असम का जिक्र करते हुए कहा कि वहां पर चल रही एनआरसी में पूर्व राष्ट्रपति के परिजनों एवं कारगिल में युद्ध लड़ने वाले जवान के परिजनों का नाम नही है।वहां तो सही ढ़ग से काम नही पो रहा है और पूरे देश को लाइन में खड़ा करने की योजना फिर बन गई है। उन्होने जम्मू कश्मीर के गिरफ्तार डीएसपी देवेन्द्र सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि पुलवामा में 40 जवानों के शहीद होने पर पूरा देश उठ खड़ा हुआ था,तब भी सवाल उठा था कि 350 किलो आरडीएक्स कैसे पहुंचा,इसकी जांच अभी तक नही हुई,और सच सामने नही आया,अब पता चल रहा है कि देवेन्द्र उस समय वहीं तैनात था।संसद हमले के आरोपी से भी उसके तार जुड़े थे।देश इसका जवाब चाहता है।