अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि 2019 के चुनाव में बड़े-बड़े चुनावी पंडित गलत साबित हो गये। उन्होंने भव्य चुनावी विजय के बाद अपने गृहराज्य गुजरात के पहले दौरे के दौरान यहां जे पी चौक पर आयोजित भाजपा कार्यकर्ताओं की सभा मे यह बात कही। मोदी ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव की जीत गुजरात के विकास मॉडल की जीत थी। तब लोग उन्हें नही जानते थे पर गुजरात को जानते थे। उन्होंने कहा कि 2019 के चुनाव की जीत उनके सरकार के कामकाज के पक्ष में लोगों के सकारात्मक रूझान और विश्वास के कारण हुई हैं1 उन्होंने पूरे चुनाव अभियान में देखा कि लोग सरकार के कामों के अनुमोदन के लिए और मजबूत सरकार के लिए वोट दे रहे थे। उन्होने छठे चरण के चुनाव के बाद कहा कि भाजपा 300 का आंकड़ा पार कर जायेगी। ऐसा कम ही होता है कि लोग प्रो इंकबेंसी यानी सत्ता के पक्ष में मिल कर वोट करते है। इस बार पूरी तरह सकारात्मक मतदान हुआ।
मोदी ने कहा कि जब वह पहली बार चुनाव प्रचार के लिए निकले तो उसके बाद ही पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से कहा कि यह चुनाव न तो मोदी न भाजपा लड़ रही है बल्कि यह उनके पक्ष मे जनता लड़ रही है। इसलिए इस बार 40 से 45 डिग्री तापमान और गर्मी के बावजूद मतदान के दौरान कई रिकार्ड टूट गये। गुजरात में लगातार दूसरी बार सभी सीटे भाजपा जीत गयी। इस बार चुनाव में विधानसभावार गुजरात की सभी 182 सीटों में 173 पर भाजपा को बहुमत मिली है। उन्होंने कहा कि जीत के साथ जिम्मेदारी भी जुड़ी रहती है। विजय को नम्रता और विवेक के जरिये पचाया जा सकता है। मोदी ने कहा कि आने वाले पांच साल देश और पूरे विश्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। देश को अनेक समस्याओं से मुक्ति दिलाने की ओर बढ़ना है। देश के लिए अपनी पुरानी प्रतिष्ठा प्राप्त करने का अवसर अगले पांच साल में है।
उन्होंने अगले पांच साल की तुलना 1942 से 1947 के बीच के समय से करते हुए कहा कि यह देश में जन चेतना जगाने और भारत का अभूतपूर्व सफलताएं दिलाने का भी बड़ा अवसर है। मोदी ने कहा कि फिर से प्रधानमंत्री के तौर पर फिर शपथ लेने से पहले वह गांधी और सरदार पटेल की भूमि गुजरात का आशीर्वाद लेने आये हैं। उन्होंने सूरत मे दो दिन पहले हुए अग्निकांड में 20 से अधिक बच्चो की मौत की घटना का जिक्र करते हुए कि वह दुविधा में थे इस कारूणिक और अच्छे अच्छों का दिल दहला देने वाली इस घटना के बाद वह दुविधा मे थे कि इस कार्यक्रम मे उपस्थित रहें अथवा नहीं पर शपथ ग्रहण से पहले गुजरात के प्रति आभार जताने और मां का आशीर्वाद लेने के अपने कर्तव्य के चलते वह यहां आ गये।