राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने राजस्थान हाईकोर्ट से माफी मांगी है। यह माफी उन्हें न्यायपालिका में भ्रष्टाचार वाले बयान पर मांगनी पड़ी। हाईकोर्ट की जयपुर बेंच में मंगलवार को गहलोत ने अपना जवाब दाखिल किया, उसमें उन्होंने कहा कि – ‘मैंने जो भी बयान दिया था वो मेरा नहीं था, बयान देते वक्त मैंने ये भी कहा था कि मैंने ऐसा सुना है, यदि फिर भी यदि न्यायपालिका की गरिमा को इससे ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं’।
अशोक गहलोत के बयान दाखिल करने के बाद जयपुर खंडपीठ के मुख्य न्यायाधीश एजी मसीह ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 7 नवंबर की तारीख तय की है। वहीं सीएम अशोक गहलोत द्वारा न्यायपालिका पर कमेंट किए जाने पर केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि है कि एक प्रदेश के सीएम को न्यायपालिका पर इस तरह के कमेंट नहीं करने चाहिए थे।
सीएम अशोक गहलोत के अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल के मुताबिक राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर खंडपीठ में दाखिल जवाब में सीएम अशोक गहलोत ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली है, सीएम ने जवाब में कहा है कि – ‘मैंने जो स्टेटमेंट दिया था, उसमें मैंने कहा था कि ये मैंने सुना है, लेकिन अखबारों में गलत तथ्य प्रकाशित किए गए। मैं खुद लॉ ग्रेजुएट हूं, मैंने हमेशा न्यायपालिका का सम्मान किया है। यदि तथ्यों से ऐसा लगता है कि मेरे कथन से न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं’
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने बीती 30 अगस्त को एक बयान में कहा था कि ‘न्यायपालिका में भ्रष्टाचार हो रहा है, मैंने सुना है कि कई वकील ही जजमेंट लिखकर ले जाते हैं’ इस बयान के बाद बहुत बवाल हुआ था। प्रदेश की अदालतों में अधिवक्ताओं में प्रदर्शन भी किए थे। अधिवक्ता शिवचरण गुप्ता सहित अन्य अधिवक्ताओं ने अशोक गहलोत के खिलाफ याचिकाएं दायर की थी। इसी मामले में सीएम अशोक गहलोत ने अपना जवाब दाखिल किया है।
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत द्वारा न्यायपालिका पर किए गए कमेंट को केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने दुखद बताया है, उन्होंने कहा कि एक सीएम को इस तरह का कमेंट नहीं करना चाहिए। वह पूरी न्यायपालिका को ही भ्रष्ट बता रहे हैं। एक सीएम से इस तरह की टिप्पणी की उम्मीद नहीं की जा सकती।