नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय करीब 3500 करोड़ रुपए के डिफॉल्ट मामले में फ्यूचर समूह की याचिका पर शीघ्र सुनवाई के लिए गुरुवार सहमत हो गई। मामले की अगली सुनवाई सोमवार की जाएगी। ‘फ्यूचर समूह’ ने शीर्ष अदालत में दायर अपनी याचिका में कहा है कि ऋणदाता कंपनियों की उस कार्रवाई पर रोक लगाने के निर्देश संबंधित पक्षों को दिया जाएं, जिसमें उसे (फ्यूचर समूह) को गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) घोषित करने की कथित कार्रवाई की जा रही है। मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने 'फ्यूचर समूह' का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी की शीघ्र सुनवाई की मांग को लेकर दी गई संक्षिप्त दलीलें सुनने के बाद इस मामले को 31 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।
शीर्ष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति रमना ने ‘विशेष उल्लेख’ के दौरान मामलों की शीघ्र सुनवाई संबंधी अर्जियों की संख्या के संदर्भ में कहा, “ऐसा लगता है कि हमें आप लोगों के लिए एक विशेष पीठ गठित करनी होगी।” मुख्य न्यायाधीश ने पूर्व अटॉर्नी जनरल रोहतगी की शीघ्र सुनवाई की गुहार स्वीकार करने से पहले कहा कि पीठ को इस मामले में संबंधित दूसरे पक्ष को भी सुनना होगा।