29 Mar 2024, 16:51:04 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » National

स्वंय सहायता समूह द्वारा निर्मित उत्पाद अब ऑनलाइन बाजार में: कंवर

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 19 2021 2:49PM | Updated Date: Sep 19 2021 2:53PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। हिमाचली महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के लिए ग्रामीण विकास बिभाग ने राज्य में कार्यरत 27000 महिला स्वंय सहायता समूह से जुडी 2. 80 लाख महिलाओं द्वारा प्रदेश के दुर्गम , पिछड़े और जनजातीय क्षेत्रों में बनाये जाने वाले उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफार्म पर मुहैया कराने का फैसला किया गया है जिसके माध्यम से वे अपना सामान देश भर में बेच सकेंगे।
 
अभी तक यह स्व सहायता समूह अपने सामान की बिक्री स्थानीय स्तर पर ही हिम ईरा दुकानों , साप्ताहिक बाजार या मेले प्रदर्शनियों के माध्यम से ही करते हैं। राज्य सरकार ने प्रदेश में 27,000 स्वंय सहायता समूहों से जुड़ी 2.80 लाख ग्रामीण महिलाओं द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को अमेज़ॉन, फ्लिपकार्ट तथा सरकारी गर्वनमेंट ई-मार्किट प्लेस के माध्यम से बेचने की योजना तैयार की है। 
 
राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि इस प्रक्रिया से पिछड़े, दुर्गम तथा जनजातीय क्षेत्रों की दस्तकार महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों को हिमाचल प्रदेश के अलावा देशभर के उपभोक्ताओं को बेचने में मदद मिलेगी जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में एक नई आर्थिक क्रांति की शुरुआत होगी। स्वंय सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादों के मानकीकरण की प्रक्रिया, गुणवत्ता परीक्षण सहित अन्य औपाचारिकतायें पूरी की जा रही हैं ताकि उनके उत्पादों की आनलाईन बिक्री को जल्दी शुरु किया जा सके। राज्य सरकार स्वंय सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग, मूल्य निर्धारण तथा मार्किटिंग में भी विशेषज्ञों की मदद लेगी ताकि हिमाचली उत्पादों के विकास को बढ़ाकर महिलाओं की आमदनी में बढ़ोतरी सुनिश्चित की जा सके। 
 
इस समय स्वंय सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार प्रकृतिक, आर्गेनिक तथा हाथों से निर्मित उत्पादों को सरकारी इम्पोरियम, हिमाचल प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन तथा हिमाचल प्रदेश सचिवालय के तत्वाधान में बेचा जा रहा है। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग अपने होटलों में इन उत्पादों को बेचने पर सहमत हो गया है ताकि ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रुप से स्वावलम्बी बनाया जा सके। इन ग्रामीण महिलाओं द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों विशेषकर सूखे मेवे, जड़ी बूटियों, शहद, मसालों, मोटे अनाज, आर्गेनिक खाद्य पदार्थो सहित हैण्डलूम व हैण्डी क्राफ्ट की महानगरों में काफी मांग है जिसे ई-कॉमर्स के माध्यम से पूरा किया जाएगा। इस समय यह उत्पाद ‘‘हिमईरा’’ ब्राण्ड के अन्तर्गत  प्रदेश के उपभोक्ताओं को उचित दरों पर उपलब्ध करवाये जा रहे हैं। 
 
मंत्री ने बताया कि इस समय राज्य में 40 हिमईरा दुकानों के माध्यम से उपभोक्ताओं को स्वंय सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार प्रमाणिक एवं विश्वसनीय उत्पाद उचित दरों पर बेचे जा रहे हैं तथा सरकार राज्य के विभिन्न स्थानों पर 100 हिमईरा दुकानों को निर्मित करेगी ताकि राज्य के हर हिस्से की महिलाओं को अपने उत्पाद बेचने की निकटतम स्थल पर व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने बताया कि इसके अलावा स्वंय सहायता समूह की महिलओं को राज्य के सभी 81 विकास खण्डों में साप्ताहिक बाज़ार के माध्यम से उत्पाद बेचने की सुविधा प्रदान की गई है। 
 
उन्होंने बताया कि हफ्ते में एक बार आयोजित किए रहे इस साप्ताहिक बाज़ार को ज़िलाधिकारी कार्यालय, डी.आर डी.ए कार्यालय, खण्ड विकास कार्यालय या सरकारी कार्यालय परिसर में उपभोक्ताओं की सुविधानुसार आयोजित किया जाता है तथा सरकार बिजली/पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रत्येक स्थल में मात्र 30 रुपये मामूली शुल्क वसूलती है।इन स्वंय सहायता समूह की महिलाओं को उत्पादों की गुणवत्ता, पैकिंग तथा बिक्री की बुनियादी जानकारी कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामीण स्वंय रोज़गार पशिक्षण संस्थान, उद्यान विभाग तथा गैर सरकारी संगठनों के माहिरों द्वारा प्रदान की गई। इन उत्पादों के लिए कच्चे माल का प्रबंध स्वंय सहायता समूह की महिलाओं द्वारा स्वंय किया जाता है जबकि सरकार अन्य सुविधायें प्रदान करती है।
 
पिछले  एक  वर्ष के दौरान प्रत्येक ‘‘हिमईरा’’ दुकान में  प्रति सप्ताह  औसतन 2300 रुपये  तथा हिम इरा स्टाल पर  औसतन प्रति माह  45 हज़ार की बिक्री दर्ज की गई तथा एक महिला को औसतन 200-300 रुपये प्रतिदिन की आमदनी अर्जित हुई। हिमाचल प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने प्रत्येक स्वंय सहायता समूह को आजीविका गतिविधयां शुरु करने के लिए पांच हज़ार रुपये निवेश फण्ड उपलब्ध करवाया है तथा प्रत्येक स्वंय सहायता समूह यह फण्ड ग्रहण कर सकता है। इसके अतिरिक्त स्वंय सहायता समूह की महिलाओं को बैंक ऋण की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है। भारत सरकार ने तीन लाख रुपये ऋण की ब्याज़ राशि पर अनुदान प्रदान किया है। इन स्वंय सहायता समूह द्वारा संचालित ‘‘हिमईरा’’ दुकानों में बिक्री का कार्य स्वंय सहायता समूह की चयनित महिलाओं द्वारा किया जाता है जिन्हें बिक्री पर कमिशन प्रदान किया जाता है । ‘हिमईरा  शॉप’’ तथा ‘हिमईरा’’ साप्ताहिक बाज़ार को हिमाचल प्रदेश सरकार ने वर्ष 2020 का सिविल सर्विसिज़ अवार्ड प्रदान किया।
 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »