19 Apr 2024, 09:28:38 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
State

चोर दरवाजे से फिर उपभोक्ताओं पर बोझ डालने की तैयारी: वर्मा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 15 2021 3:16PM | Updated Date: May 15 2021 3:16PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने आरोप लगाया है कि पावर कार्पोरेशन और सरकार की शह पर बिजली कम्पनियो उपभोक्ताओं पर बड़ा बोझ डालने की तैयारी कर रही हैं। वर्मा ने शनिवार को कहा कि शुक्रवार देर रात बिजली कंपनियों ने उपभोक्ताओ पर रेगुलेटरी सरचार्ज लागू  कराने के लिए नियामक आयोग में एक प्रस्ताव दाखिल किया है जबकि बिजली कम्पनियो का उपभोक्ताओ पर 49827 करोड़ रूपये निकल रहे हैं। बिजली कम्पनियो की बिजली दर की सुनवाई 17 मई को नियामक आयोग करने जा रहा है।
 
उपभोक्ता परिषद् ने नियामक आयोग में अपनी याचिका दाखिल कर मांग की है कि सभी पक्षों को सुनने के बाद वर्ष 2017-18 तक नियामक आयोग ने बिजली कम्पनियो पर प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओ का उदय व ट्रूप में रुपया 13337 करोड़ निकाला था जिसे आगे उपभोक्ताओ को लाभ देने की बात कही गयी थेी जो अब सब मिलाकर वर्ष 2020-21 तक लगभग 19537 करोड़ हो गया है जिसके एवज में एकमुश्त 25 प्रतिशत अथवा 3 वर्षो तक 8 प्रतिशत बिजली दरों में कमी करने अथवा रेगुलेटरी लाभ दे। उन्होने कहा कि परिषद की याचिका से परेशान होकर प्रदेश की  बिजली कम्पनियो ने कल देर रात एक नया षड़यंत्र किया और  नियामक आयोग में एक प्रस्ताव दाखिल कर सरकार के एक पुराने पत्र का हवाला देकर यहाँ कहा जा रहा है कि उदय व ट्रूप का समायोजन पर जो निर्णय विद्युत नियामक आयोग ने पूर्व में किया है वह ठीक नहीं है।
 
आयोग उस पर पुनर्विचार करे क्योंकि प्रदेश की बिजली कम्पनियो का वर्ष 2000 से अब तक ट्रूप के आकड़ो पर पुनर्विचार किया जाय तो ब्याज सहित उपभोक्ताओ पर वर्ष 2020-21 तक 49827 करोड़ निकल रहा है जिसके आधार पर प्रदेश के उपभोक्ताओ पर पुन: रेगुलेटरी सरचार्ज लागु किया जाय यानि  चोर दरवाजे से बिजली दरों में बड़ी बढ़ोतरी जिसे उपभोक्ता परिषद् कामयाब नहीं होने देगा। दु:ख की बात यह है कि बिजली कम्पनियो के इस चोर दरवाजे की साजिश में सरकार भी शामिल है जो बहुत ही निंदनीय है इस आपदा के दौर में अवसर तलाशना पूरी तरह असंवैधानिक है ।
 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »