मुंबई। महाराष्ट्र में मुंबई की स्थानीय अदालत ने लॉकडाउन के दौरान नयी दिल्ली में तब्लीगी जमात में शामिल होने वाले 20 विदेशियों को बरी कर दिया। अंधेरी के महानगरीय दंडाधिकारी आर आर खान द्वारा सोमवार को दिए गए एक आदेश में कहा गया कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित करने में नाकाम रहा।
इस आदेश की प्रति मंगलवार को उपलब्ध करायी गयी जिसमें कहा गया है कि ‘‘रिकॉर्ड और तथ्यों और परिस्थितियों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, यह स्पष्ट है कि आदेश को न तो सार्वजनिक रूप से प्रख्यापित किया गया था और न ही आरोपी व्यक्तियों के ध्यान में लाया गया था।’’ अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान से स्पष्ट होता है कि आरोपियों ने पुलिस आयुक्त के लॉकडाउन मानदंडों और आदेश का उल्लंघन नहीं किया है। अदालत ने यह भी कहा कि गवाहों के बयान रिकॉर्ड पर दस्तावेजी साक्ष्य के विपरीत थे।
अभियोजन पक्ष ने पंचनामा की तैयारी भी नहीं की है और कभी भी किसी अन्य स्वतंत्र गवाह का बयान दर्ज नहीं किया। इस प्रकार, आरोप के समर्थन में अभियोजन द्वारा कोई कानूनी सबूत प्रस्तुत नहीं किया गया। अप्रैल के महीने में डी एन नगर पुलिस थाने ने भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा), 269 और 270 (खतरनाक बीमारी के संक्रमण के फैलने की संभावना ) के तहत आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ अपराध का मामला दर्ज किया था। उन पर विदेशी अधिनियम, महामारी रोग अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत भी आरोप लगाए गए थे।