नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के रामवीर सिंह बिधूड़ी ने मंगलवार को कहा कि तीनों नगर निगमों में विधायकों के मनोनयन एवं लोक लेखा समिति के अध्यक्ष पद की नियुक्ति के मामले में भाजपा विधायक दल के साथ न्याय नहीं किया गया है। बिधूड़ी ने उम्मीद जताई है कि भविष्य में विधायी परम्पराओं और विपक्ष के अधिकारों का जरूर ध्यान रखा जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को आज लिखे पत्र में बिधूड़ी ने कहा है कि तीनों नगर निगमों में दिल्ली विधानसभा के 14 विधायकों का मनोनयन किया गया है लेकिन इनमें विपक्षी भाजपा के एक भी सदस्य को जगह नहीं दी गई है। केवल सत्ताधारी विधायकों को ही मनोनीत किया गया है, जबकि परम्पराओं के मुताबिक इस सूची में कम से कम दो भाजपा विधायकों के नाम जरूर शामिल किए जाने चाहिए थे। बिधूड़ी ने कहा है कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र से भाजपा के छह विधायक ताल्लुक रखते हैं। लेकिन इनमें से एक को भी पूर्वी दिल्ली नगर निगम के लिए मनोनीत नहीं किया गया।
इसी प्रकार उत्तरी दिल्ली अथवा दक्षिणी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र से आने वाले भाजपा के किसी विधायक को नगर निगम के लिए मनोनीत नहीं किया गया। इस फैसले की वजह से दिल्ली के तीनों नगर निगमों में विधानसभा की ओर से विपक्षी दल के रूप में भाजपा का प्रतिनिधित्व नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार संसद से लेकर दिल्ली विधानसभा तक की यह स्वीकार्य विधायी परंपरा रही है कि लोक लेखा समिति का अध्यक्ष पद विपक्ष को दिया जाता है, लेकिन इस परंपरा का भी निर्वाह नहीं किया और यह पद भी सत्ता पक्ष को दे दिया गया। उन्होंने भरोसा जताया कि भविष्य में विधानसभा अध्यक्ष विधायी परम्पराओं और नियमों का जरूर ध्यान रखेंगे और चाहे तीनों नगर निगमों में विधायकों के मनोनयन का मामला हो अथवा लोक लेख समिति के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति का मामला, वह विपक्ष के हितों का जरूर संरक्षण करेंगे।