नई दिल्ली। नेशनल इनलैंड अथॉरिटी की अध्यक्ष एवं पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ अमिता प्रसाद ने कोरोना संकट के स्थायी निदान के लिए देश में ‘पर्यवरण रक्षक’ नियुक्त करने और ‘ग्रीन इकोनॉमी’ को अपनाने का सुझाव दिया है। पर्यावरण एवं वन मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव रही डॉ प्रसाद ने समाज में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए एक अलग टेलीविजन चैनल शुरू करने और सबको अपनी जीवन शैली बदलने का भी सुझाव दिया है। बिहार में जन्मीं कर्नाटक कैडर की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एवं जैविक विविधता के मामलों की जानकार डॉ प्रसाद ने एक हिेदी पत्रिका में प्रकाशित अपने लेख में यह अपील की है।
उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के दो कथनों को उद्धृत करते हुए लिखा है, ‘‘अगर तुम दूसरों में बदलाव देखना चाहते हो तो पहले खुद को बदलो। संसार मे संसाधन हमारी जरूरतों के लिए है, हमारे लालच के लिए नहीं। उन्होंने अपने लेख में कहा है, ‘‘पूरी दुनिया में गत चार-पांच महीने में कोरोना ने हाहाकार मचा दिया है और प्रकृति ने कहा कि तुमने सभी संसाधनों को तोड़ा मरोड़ा और तौहीन की।अब तुम घरों में जाओ और सांस लेने दो।’’ उन्होंने कहा कि कोरोना को देखते हुए हमें पर्यावरण की रक्षा के लिए कोरोन वारियर्स की तरह: कोरोना रक्षक भी नियुक्त करने होंगे और ग्रीन अर्थव्यवस्था पर विचार करना होगा।
तभी इसका स्थायी हल निकलेगा। उन्होंने लिखा है कि गत 50 साल से शहरीकरण और औद्योगीकरण ने हवा पानी और मिट्टी पर विपरीत असर डाला है इसलिए हमें अपनी जीवन शैली को बदलने के साथ-साथ ग्रीन इकोनॉमी को भी अपनाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए एक अलग चैनल खोलने की जरूरत है जो पूरी तरह पर्यावरण को समर्पित हो, तभी हम इस संकट का हल निकाल सकते है और लोगों में जागरूकता फैला सकते है।