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मुख्यमंत्री शिवराज ने की वीडियो कांफ्रेंस से कलेक्टर्स-कमिश्नर्स से चर्चा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 5 2020 12:03AM | Updated Date: Jun 5 2020 12:04AM
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भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग से जिला कलेक्टरों और कमिश्नर्स से विभिन्न जिलों में हुई बारिश के संदर्भ में गेहूँ के शत प्रतिशत सुरक्षित भंडारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। चौहान ने कहा एक तरफ कोविड-19 और अब निसर्ग तूफान की वजह से तेज हवाओं के साथ बारिश के कारण कुछ स्थानों पर खुले में रखे गेहूँ का सुरक्षित भंडारण एक चुनौती है। हालांकि बहुत कम मात्रा में गेहूँ गोदामों तक न पहुंचने की बात सामने आई है, लेकिन किसानों को उनके उपार्जित गेहूँ का पूरा भुगतान किया जाएगा। चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है।
 
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि उपार्जित गेहूँ के परिवहन का कार्य जिन जिलों में पूरा हो गया है, वहां के वाहनों को अन्य जिलों में परिवहन कार्य में संलग्न करें। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी इस अवसर पर उपस्थित थे। चौहान ने गेहूँ के बंपर उत्पादन और उपार्जन के लिए किसानों सहित संबंधित सरकारी विभागों के अधिकारियों और जिला कलेक्टरों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में गेहूँ उपार्जन का ऐतिहासिक कार्य हुआ है। यह आज एक करोड़ 25 लाख 60 हजार मीट्रिक टन हो चुका है।
 
पंजाब के बाद मध्य प्रदेश अभी दूसरे क्रम पर है। यह गर्व की बात है। उन्होंने कहा 26 जिलों में शत-प्रतिशत गेहूँ उपार्जन और परिवहन का कार्य विपरीत परिस्थितियों में संभव कर दिखाया गया। विपरीत परिस्थितियों में और संकट में सफलता प्राप्त करने का अपना आनंद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कहीं भी गेहूँ खराब न हो इसके लिए आवश्यक व्यवस्था की जाए। केरल में मानसून दस्तक दे चुका है। ऐसे में आने वाले दिनों में भी जहां खुले में गेहूँ रखा है उसे सुरक्षित रखने का कार्य किया जाए।
 
जो शेष स्कंध है डनेज शीट बिछाकर रखने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने सभी कलेक्टर को निर्देश दिए कि किसानों को उन्हें मिलने वाली राशि का भुगतान भी सुनिश्चित करें। चने के उपार्जन और परिवहन के संबंध में भी मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टर को निर्देश दिए। तिवड़ा मिश्रित चने की अनुमति प्राप्त होने के बाद यह कार्य भी पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि अन्य विभाग के अमलों का उपयोग करते हुए, अधिकारी दल बनाकर कार्यों को पूर्ण किया जाए।
 
टिड्डी दल पर नियंत्रण के संबंध में उन्होंने अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने कहा विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना वायरस के एक संभावित पीक को देखते हुए स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल सभी सावधानियां पूरी तरह बरती जाना चाहिए। जन जागरूकता अभियान निरंतर चलना चाहिए। शिक्षण संस्थाएं अभी बंद हैं। कक्षा 12वीं की परीक्षाओं के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। सभी कलेक्टर अपने जिलों में आर्थिक गतिविधियों के संचालन के साथ संक्रमण न हो पाए इसके लिए प्रत्येक आवश्यक उपाय लागू करना सुनिश्चित करें। उन्होंने प्रदेश में रिकवरी रेट बढ़ने, जिलों के अस्पतालों में टेसिं्टग, उपचार और अन्य व्यवस्थाओं के लिए प्रशासनिक अमले को बधाई दी।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट की स्थिति में पुलिस बल ने भी बहुत लगन से कार्य किया है। इन सेवाओं के लिए मुख्यमंत्री ने पुलिस बल को भी बधाई दी। उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी नगर में संक्रमण न फैले, व्यवस्थाएं सुविचारित हों। उन्होंने निर्दश दिए कि कोरोना वायरस से प्रभावित रोगियों की संख्या पर निरंतर नजर रखी जाये। यह संतोष की बात है कि अनलॉक-वन से वायरस के स्प्रेड होने की बात सामने नहीं आयी है। फिर भी सैम्पंिलग, स्क्रींिनग के कार्य नियमित किये जाएं। प्रत्येक नागरिक जागरूक रहे।
 
दुकानदार सेनेटाइजर की व्यवस्था रखें। मास्क के उपयोग की अनिवार्यता और सामाजिक दूरी का भी पालन हो। चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश ने यह सिद्ध किया है कि पॉजिटिव केस भी ठीक हो जाते हैं। अच्छी व्यवस्थाओं के फलस्वरूप ही देश में मध्यप्रदेश का रिकवरी रेट दूसरे नंबर पर है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों को संकट की स्थिति में कार्य का जुनून भी होता है। विपरीत परिस्थितियों में सफल हो जायें, तो सफलता का विशेष अर्थ होता है। जनता की बेहतर सेवा करें और प्रदेश के नागरिकों को महामारी से बचायें।
 
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुसार जिलों को आवश्यक निर्देश भिजवाये गये हैं। त्रिआयामी रणनीति में पॉजीटिव के सम्पर्क में आये व्यक्ति की ट्रेसिंग, सार्थक एप के उपयोग, सर्विलेंस, निरंतर सर्वे की व्यवस्था और फीवर क्लीनिक के संचालन से वायरस नियंत्रण में मदद मिली है। 35 जिलों में आईसीयू और ऑक्सीजन बैड के वर्क आर्डर दे दिये गये हैं। प्रमुख सचिव खाद्य शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि आज तक 1 करोड़ 25 लाख मेट्रिक टन से अधिक गेहूँ का उपार्जन हो गया है। परिवहन के बाद अधिकांश भंडारण भी हो गया है। हाल की बारिश से बड़ी क्षति नहीं हुई है। उपार्जित गेहूँ की सुरक्षा के लिए पूर्व से जिलों को आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश थे, जिनका पालन भी हुआ है।
 
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