लखनऊ। लाकडाउन के चौथे चरण की समाप्ति से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारियों और नोडल अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग कर जिलों की हकीकत को परखा और कहा कि सजगता, सतर्कता और सक्रियता से ही कोरोना संक्रमण पर विजय मिलेगी। योगी ने क्वारंटीन सेंटर में ही श्रमिकों की स्किल मैपिंग के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अभी तक 18 लाख श्रमिकों का डाटा उपलब्ध हो चुका है।
उन्होंने कहा कि एक जून से खाद्यान्न वितरण फिर शुरू होगा, इसके लिये सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं। प्रत्येक कोटे की दुकान में नोडल अधिकारी की देख-रेख में खाद्यान्न वितरण करवाए जाएं। सभी जरूरतमन्दों के राशन कार्ड बनाए जाएं। उन्होने कहा कि लॉकडाउन का चौथा चरण अन्तिम पायदान पर है। उत्तर प्रदेश में संक्रमण को नियंत्रित करने के सम्बन्ध में अच्छा कार्य हुआ है, जिसे देश-दुनिया में सराहा गया है। लॉकडाउन में तीन प्रमुख चुनौतियां मेडिकल इंफेक्शन, मण्डी,बाजार तथा श्रमिक हैं।
संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये इन सभी चुनौतियों के प्रति सावधानी बरतनी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से जंग में जनता का पूरा सहयोग लिया जाए। पिछले काफी समय में लोग इससे बचाव के तरीकों के बारे में पूरी तरह से प्रशिक्षित हो चुके हैं। कोरोना संक्रमण को सावधानी और सतर्कता से रोका जा सकता है।
उन्होने कहा कि मई के अन्त तक लगभग 30 लाख श्रमिक और कामगार प्रदेश में आ जाएंगे। उन्होंने रेलवे स्टेशन से श्रमिकों कामगारों को क्वारण्टीन सेण्टर ले जाने के निर्देश देते हुए कहा कि क्वारण्टीन सेण्टर में भोजन, शुद्ध पेयजल तथा सोशल डिस्टेंसिंग के साथ रहने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जो श्रमिक स्वस्थ हों, उन्हें होम क्वारण्टीन ले जाया जाए। उन्हें 1000 रुपए भरण-पोषण भत्ता तथा राशन किट उपलब्ध कराया जाए।
योगी ने कहा कि 28 मई को उन्होने सीएमओ,सीएमएस एवं चिकित्सा संस्थानों के अध्यक्षों व प्राचार्यों से संवाद स्थापित किया था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग से जुड़े एडीशनल डायरेक्टर, ज्वाइण्ट डायरेक्टर को प्रत्येक जिले में भेजा गया है। नोडल अधिकारी तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित टीमें आपस में समन्वय स्थापित कर कार्य करें, ताकि कोरोना के प्रसार को रोका जा सके और संक्रमित व्यक्तियों की संख्या को न्यूनतम किया जा सके।
उन्होने कहा कि कोरोना से होने वाली मृत्यु की दर को हर हाल में कम रखना है। जिलों में पर्याप्त संख्या में पीपीई किट, एन-95 मास्क तथा अन्य उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। इनकी कोई कमी नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवाओं को आरम्भ करने के निर्देश पूर्व में दिए जा चुके हैं। अगर कहीं पर यह इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवाएं आरम्भ न हुई हों, तो उन्हें तत्काल प्रारम्भ किया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना से जंग में मेडिकल टीम अत्यन्त महत्वपूर्ण है, उन्हें प्रोत्साहित किया जाए। मेडिकल इंफेक्शन को प्रत्येक दशा में रोका जाए।