रामपुर। उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड ने समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद आजम खान को झटका देते हुये जौहर ट्रस्ट को वक्फ की जमीन के मुतवल्ली पद से हटाकर अपना एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्ति कर दिया है और जगह वापस उन्हीं गरीब यतीमों को आवंटित कर दी है जो परिवार यहां 50-60 सालों से रहते आए थे। बोर्ड ने 26 परिवार को जगह आवंटित की है। बोर्ड ने आदेश की कॉपी जौहर ट्रस्ट को भेजने के साथ ज़िलाधिकारी रामपुर तथा पुलिस अधीक्षक रामपुर को भी भेजी है।
पिछली 31 मार्च को बोर्ड का कार्यकाल खत्म होने से पहले ही चेयरमैन ज़फर फारूखी ने 20 मार्च को जौहर ट्रस्ट को टर्मिनेट करके वक्फ बोर्ड के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर जुनैद खान को वक्फ संख्या 157 का एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्ति कर दिया था,जिसके बाद एडमिनिस्ट्रेटर ने उसी दिन 26 गरीब यतीम परिवारों को जगह आवंटित कर दी थी।
बोर्ड ने आदेश की कॉपी रामपुर के डीएम-एसपी सहित जौहर ट्रस्ट को भेज दी थी हालांकि लॉक डाउन की वजह से आदेश अब मिला पाया है। इस बारे में कांग्रेसी नेता फैसल खान ने बताया कि साल 2016 में आज़म खान ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए वक्फ मंत्री की हैसियत से वक्फ संख्या 157 यतीमखाना रामपुर का गैरकानूनी ढंग से जौहर ट्रस्ट को मुतवल्ली बनवा दिया था उसके बाद आज़म खान ने वहां से सैकड़ो यतीमों को न सिर्फ बल पूर्वक बेदखल कर दिया था बल्कि उनके घरों पर बुलडोज़र चलवा दिया था। बाद में आज़म खान ने वहाँ स्कूल के नाम पर बिना नक्शा पास कराए अपनी अवैध बिल्डिंग खड़ी कर दी थी।
फैसल खान लाला ने बताया कि तभी से वह लगातार उन गरीब परिवारों की लड़ाई लड़ रहे थे। मामला तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक तक पहुंचा था, यतीमखाने के लोगों ने आज़म, पूर्व सीओ आले हसन समेंत कई लोगों पर लूटपाट के मुकदमे दर्ज कराए थे। जौहर ट्रस्ट के खिलाफ फैसल लाला ने उच्च न्यायालय में पीआईएल भी दाखिल की है जिसपर हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है। अब जौहर ट्रस्ट को हटाकर जगह 26 यतीम परिवारों को वापस आवंटित करा दी गई है, लॉक डाउन के बाद जगह पर कब्ज़ा दिलाया जाएगा और आज़म खान की अवैध बिल्डिंग गिरवाई जाएगी। इस बारे में पीड़ितों ने कहा कि देर से ही सही लेकिन इंसाफ और सच्चाई की जीत हुई है। उधर, 90 साल की बुज़ुर्ग शहज़ादी बेगम सहित पूरे यतीमखाने में खुशी की लहर है।