नई दिल्ली। सांस्कृतिक कार्यक्रम अर्थ ए कल्चर महोत्सव लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बन गया है जहां देश की कला, संस्कृति, साहित्य, इतिहास और समाज को जानने-समझने पर विचार विमर्श किया जा रहा है। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में जी लाइव द्वारा आयोजित इस तीन दिवसीय महोत्सव के पहले दिन दर्शकों को देश की संस्कृति को समझने का मौका मिला। इस महोत्सव में विभिन्न पैनल चर्चा और प्रदर्शनों के जरिये देश की कला, संस्कृति, साहित्य, इतिहास और समाज को जानने-समझने का अवसर मिला। महोत्सव के पहले दिन देश के कई वक्ताओं ने हिस्सा लिया। महोत्सव की शुरुआत तारापद रजक के प्रदर्शन से हुई। इस दौरान पैनल चर्चा के दौरान सुजॉय प्रसाद चटर्जी ने गीता चंद्रन, माधवी मुद्गल, मेथिल देविका, शोभना नारायण से भारतीय शास्त्रीय नृत्य की समझ विषय पर बात की।
इसी तरह हिमानी मित्तल, के वी कृष्णन, संजीव सान्याल, सतीश के एस और वसुदेव ऐतल के साथ ‘ऋग्वेद पर पुनर्चर्चा’ विषय पर किश्वर देसाई, मीनाक्षी जैन, सरदिन्दु मुखर्जी के साथ मकरंद परांजपे ने ‘बंटवारे के दर्द’ विषय पर लॉर्ड मेघनाद देसाई तथा संजीव सान्याल के साथ ‘यह किसकी अर्थव्यवस्था है’ विषय पर तथा श्याम भट्ट, योगिनी शांभवी के साथ विक्रम संपत ने ‘खुश रहने की वजहें’ विषय पर चर्चा की। इस दौरान लेखक अश्विन सांघी की ‘विष्णु की तिजोरी’ पुस्तक का विमोचन किया गया। ज़ी लाइव के मुख्य परिचालन अधिकारी और बिजनेस प्रमुख स्वरूप बनर्जी ने कहा कि अर्थ मौजूदा दौर में देश का पहला बहुक्षेत्रीय सांस्कृतिक महोत्सव है। अर्थ महोत्सव कला, संस्कृति, साहित्य, इतिहास, राजनीति, समाज एवं भारत की जड़ों से जुड़े सभी विषयों के जरिये देश की जड़ों से जुड़ने और उन्हें जानने का मौका देता है। इस तीन दिवसीय महोत्सव में करीब 200 लेखक, कवि, कलाकार, बृद्धिजीवी, वैज्ञानिक, साहित्यकार, इतिहासकार एवं अर्थशास्त्री युवाओं को अपने विचारों से प्रेरित करेंगे।