नई दिल्ली। ज्यादा दिन नहीं हुए जब एशिया कप के शुरुआती मैचों में पंडितों के मशविरे के बावजूद टीम प्रबंधन ने अनुभवी भारतीय पेसर मोहम्मद शमी को इलेवन से बाहर रखा था. रोहित और रोहुल ने पेस तिकड़ी में जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और शारदूल ठाकुर को शामिल करके तमाम सलाहों को नकारते हुए मोहम्मद शमी को नहीं चुना था. और जब बाद में उन्हें जगह तब मिली, जब बुमराह अपने बच्चे के जन्म के मौके पर भारत वापस लौटे. शमी को Asia Cup में दो ही मैच खेलने का मौका मिला था. और इसमें वह 15 ओवरों में 3 ही विकेट ले सके. और जैसे ही बुमराह वापस लौटे, तो शमी को फिर से बाहर कर दिया गया.
तमाम पूर्व क्रिकेटर के सवाल उठाने के बाद शमी के प्रदर्शन के बाद लगा कि भारतीय प्रबंधन का फैसला सही ही था. लेकिन अब इस अनभवी पेसर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे में पंजा जड़कर भारतीय प्रबंधन को करारा जवाब दिया है. शमी ने दस ओवर में 51 रन देकर पांच विकेट चटकाकर बता दिया कि अनुभव का कोई मोल नहीं होता. शमी ने दिखाया कि जब-जब उन्हें किनारे किया जाएगा, तो वह कुछ ऐसे ही करारा जवाब देते हुए बताएंगे कि उनमें अभी भी बहुत क्रिकेट बाकी है. और शमी के इस प्रदर्शन ने खड़ा कर दिया है बड़ा सवाल