भारतीय कुश्ती महासंघ अब खुद एक अखाड़ा बन चुका है। भारतीय पहलवानों के गंभीर आरोपों के बाद विवादों में फंसे कुश्ती महासंघ (Wrestling Federation of India) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की अब मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बृजभूषण शरण सिंह को अपना पद छोड़ना पड़ सकता है। सूत्रों ने बताया है कि विवाद के बाद बृजभूषण शरण सिंह (Brijbhushan Sharan Singh) अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, अयोध्या में भारतीय कुश्ती महासंघ की आपातकालीन बैठक होने वाली है। इस बैठक में अयोध्या में 21 से 23 जनवरी तक बैठक का आयोजन होगा। इस बृजभूषण सिंह को लेकर बड़ा फैसला लिया जा सकता है। सूत्रों ने ये भी कहा है कि बृजभूषण शरण सिंह जल्द ही अपना इस्तीफा दे सकते हैं। अगर वो अपना इस्तीफा नहीं देते हैं, तो जबरन बृजभूषण शरण सिंह को कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद से हटा जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बडे़ बड़े पहलवानों को पटखनी देने वाले पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के खिलाफ मोर्चा खोला है। यौन उत्पीड़न, अभद्रता, क्षेत्रवाद जैसे गंभीर आरोपों की लंबी लिस्ट लेकर बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक जैसे पदक विजेता पहलवान दिल्ली में धरने पर हैं। इन खिलाड़ियों ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर सारे आरोप लगाए हैं।बुधवार को दिग्गज पहलवान बजरंग पुनिया और लगभग एक दर्जन पहलवानों ने राष्ट्रीय राजधानी के जंतर मंतर पर डब्ल्यूएफआई के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया। इसके अलावा ओलंपियन और स्टार पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगट और बजरंग पुनिया ने WFI के अधिकारियों और कोचों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए सनसनीखेज दावे किए।
गुरुवार को भी दिल्ली में जंतर-मंतर पर आज पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, पुनिया के सात अन्य खिलाड़ी भी धरने में शामिल हुए। इन खिलाड़ियों ने एक घंटे का मौन भी रखा। खिलाड़ियों के आरोपों के बाद खेल मंत्रालय इस पूरे विवाद पर काफी गंभीर है। बीते दिन खेल मंत्रालय ने धरने पर बैठे खिलाड़ियों के साथ बैठक की है। बजरंग पूनिया समेत कुछ खिलाड़ियों को खेल मंत्रालय ने बुलाया और विवाद को सुलझाने की कोशिश की। खेल मंत्रालय की बैठक के बाद बजरंग पूनिया ने रिपब्लिक भारत से बातचीत में बताया कि वो अपनी बात रखकर आए हैं और मंत्रालय की तरफ से उन्हें आश्वासन दिया गया है। साथ ही पूनिया ने कहा कि अभी धरना जारी रहेगा।