अहमदाबाद। भारतीय क्रिकेट टीम के कोच रवि शास्त्री ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की आलोचना करते हुए कहा है कि उसे आखिरी समय में आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के नियम नहीं बदलने चाहिए थे। भारत पिछले वर्ष नवम्बर तक 360 अंक लेकर टेस्ट चैंपियनशिप की तालिका में शीर्ष पर चल रहा था कि आईसीसी ने कोरोना के कारण कई टीमों के दौरे प्रभावित होने के कारण अचानक नियम बदला और कहा कि जीत प्रतिशत अंकों के आधार पर फाइनल में जाने वाली टीमों का फैसला होगा।
इस नियम के चलते ऑस्ट्रेलिया 296 अंक होने के बावजूद भारत को अपदस्थ कर पहले स्थान पर चला गया और भारत तीसरे स्थान पर खिसक गया। भारत ने हालांकि अब इंग्लैंड को 3-1 से हराकर फाइनल में जगह बना ली है। लेकिन शास्त्री को इस बात की नाराजगी है कि नियम बदलने से एक बार तो भारत के फाइनल में पहुंचने की संभावना खतरे में पड़ गयी थी।
शास्त्री ने रविवार को वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में नियम बदले जाने के बारे में पूछने पर कहा, "कृपया गोलपोस्ट को नहीं बदलें। मैं अक्टूबर के महीने में कोरोना के समय घर पर बैठा था। उस समय हमारे 360 अंक थे और हम किसी अन्य टीम के मुकाबले बेहतर स्थिति में थे लेकिन बिना क्रिकेट खेले एक सप्ताह बाद हमें पता चला कि प्रतिशत अंकों का नया नियम आया है और हम एक सप्ताह में पहले से तीसरे स्थान पर खिसक गए है।"
कोच ने कहा, "ठीक है कई देश यात्रा नहीं करना चाहते हैं क्योंकि वे रेड जोन में हैं। यह मंजूर है लेकिन मैं इसके पीछे का तर्क समझना चाहता हूँ क्योंकि मेरे लिए आगे रास्ता क्या है। हम टॉप पर थे और हमारे पास दो दौरे बचे थे। हमारे पास किसी अन्य टीम के मुकाबले 60-70 अंकों की अच्छी बढ़त थी लेकिन वे कहते हैं कि अब आप ऑस्ट्रेलिया जाओ। आप ऑस्ट्रेलिया में क्या करेंगे, आपको ऑस्ट्रेलिया को उनके घर में हराना होगा। अब बताइये कि पिछले 10 वर्षों में कितनी टीमें ऐसी हैं जो ऑस्ट्रेलिया को हराने की गारंटी दे सकती हैं। भारत ने ऑस्ट्रेलिया से पहला टेस्ट हारने के बाद वापसी करते हुए 2-1 से जीत हासिल कर ली लेकिन फाइनल में जगह बनाने के लिए उसे घरेलू सीरीज में इंग्लैंड को हराना था।
शास्त्री ने कहा, प्रतिशत अंक नियम आने के बाद आपको ऑस्ट्रेलिया जाकर ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हराना था यदि आप ऑस्ट्रेलिया को नहीं हरा पाते तो आपको घर लौटकर इंग्लैंड को 4-0 से हराना पड़ता। आप 500 अंकों तक पहुंचते लेकिन फिर भी फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाते। हमें कड़ी मेहनत करनी पड़ी और जीतने के लिए अपना सब कुछ झोंकना पड़ा जबकि इंग्लैंड से हम पहला मैच हार गए थे। हम अब 520 अंकों के साथ टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच गए हैं जो विश्व में सबसे बड़ी ट्रॉफी है।
उन्होंने कहा, "मुझे अपनी इस भारतीय टीम पर गुमान है गर्व है नाज है जिसने मुश्किल हालात के बावजूद फाइनल में जगह बना ली। जब आप क्रिकेट खेले बिना पहले से तीसरे स्थान पर खिसक जाते हैं लेकिन फिर भी हर विभाग-तालिका में शीर्ष स्थान, आईसीसी रैकिंग में नंबर एक स्थान, प्रतिशत रैकिंग में नंबर एक स्थान - में खुद को श्रेष्ठ साबित करते हुए क्वालीफाई कर लिया। कल हो सकता है कोई और नियम आ जाए लेकिन हम तब भी नंबर एक रहेंगे।"