मुंबई। किंग्स इलेवन पंजाब के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी सोशल मीडिया पर कीफी एक्टिव हैं। वे फिटनेस फ्रीक भी हैं। शमी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है। इस पोस्ट को उन्होंने अपने प्रशंसकों के साथ शेयर किया। दरअसल उन्होंने इस पोस्ट अपनी एक फोटो शेयर की है। इसमें वह कंपिंग थैरेपी लेते हुए नजर आ रहे हैं।
क्रिकेटर ने अपने इंस्टाग्राम थेरेपी सेशन के अपने अनुभव को संक्षिप्त में साझा किया। सेशन की एक तस्वीर शमी ने एक कैप्शन लिखा है। शमी ने लिखा, 'कपिंग के बाद काफी रिलेक्स महसूस कर रहा हूं?' कपिंग थेरेपी पिछले काफी वक्त से सेलिब्रिटीज के बीच फेमस है। माइकल फेलप्स, नेमार, एंथोनी जोशुआ, किम कादर्शियां जैसे कई सेलिब्रिटीज इस थेरेपी को ले चुके हैं।
जैसे ही उन्होंने तस्वीर शेयर की, यूजर्स करने शुरू कर दिए। एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, looks यह डरावना लग रहा है! ' एक अन्य ने जानना चाहा कि क्या कपिंग थेरेपी का कोई लाभ है या नहीं प्लीज बताए, मुझे एक संदेह है कि ऐसा करने से क्या लाभ होता है।' मोहम्मद शमी के मुताबिक, दुबई में क्वारेंटाइन रहते हुए वो काफी डिप्रेस हो गए थे। इस थेरेपी से उन्हें काफी आराम मिला है।
एक अन्य व्यक्ति ने लिखा, क्या बात है भाई अब और विकेट विकेट मिलेगा के"। इस बीच, मोहम्मद शमी जो किंग्स इलेवन पंजाब की टीम में हैं, ने आईपीएल के मौजूदा सत्र के तीन मैचों में सात विकेट लिए।
कपिंग थेरपी के लिए शीशे का कप इस्तेमाल करके वैक्यूम पैदा किया जाता है जिससे कि कप बॉडी से चिपक जाए। अब इसके लिए मशीन का इस्तेमाल होता है। कपिंग करने के तीन से पांच मिनट बाद दूषित खून जमा हो जाता है। जमा हुए गंदे खून को शरीर से निकाल दिया जाता है। इस थेरेपी के बाद स्किन ग्लो करने लगती है। इस थेरेपी में फेस पर दोनों गाल, माथे और चिन पर कपिंग की जाती है। अगर हेल्थ से जुड़ी समस्या के लिए कपिंग थेरेपी ली जाती है तो जिस पॉइंट पर बीमारी की पहचान होती है वहीं पर कपिंग की जाती है। अगर बीमारी अपने शुरुआती स्टेज में हो तो दो सीटिंग में बीमारी खत्म हो जाती है।
इससे पहले, शमी ने संयुक्त अरब अमीरात पहुंचने के बाद छह-दिवसीय क्वारंटीन को लेकर जानकारी शेयर की थी। उन्होंने कहा कि होटल के कमरे के अंदर छह दिन उनके लिए कठिन थे। "चार महीने सभी के लिए कठिन रहे, चाहे वह खिलाड़ी हो या सामान्य व्यक्ति। भगवान का शुक्र है कि मुझे अपनी ट्रेनिंग करने की सुविधाएं मिलीं। जब हम यहां (यूएई) आए और अलर्ट हो गए, तो इन छह दिनों को उन चार महीनों की तुलना में अधिक कठिन लगा, क्योंकि उन महीनों में मैं खुद को ट्रेन कर रहा था, जरूरतमंदों की मदद कर रहा था और गतिविधियों में व्यस्त था। लेकिन इन छह दिनों में, मैंने महसूस किया है कि उन चार महीनों में लोगों के लिए कितना मुश्किल रहा होगा।