नई दिल्ली। अर्जुन पुरस्कार विजेता और ब्लू टाइगर्स नाम से प्रसिद्ध भारतीय फुटबॉल टीम के गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू ने दुनिया भर में फैले फुटबॉल प्रशंसकों को 74वें स्वतंत्रता दिवस बधाई देते हुए कहा है कि अपने देश के लिये खेलने सबसे बड़ा अनुभव है। गुरप्रीत ने एआईएफएफ टीवी के साथ बातचीत में कहा, ‘‘देश के लिए खेलने से बड़ा कोई अहसास नहीं है। आप अपने देश के लिए अधिक से अधिक खेलना चाहते हैं। यह वास्तव में बहुत खास है और हम सभी वापस खेल के मैदान पर जाने को व्याकुल हैं। मैं देश-विदेश में बैठे सभी भारतीयों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामना देता हूं।
आप सभी सुरक्षित रहें, अपने परिवारों का ख्याल रखें और इस दिन का आनंद लें। आपको जल्द ही स्टेडियम में देखने को मिलूंगा।’’ यूएफा यूरोप लीग खेलने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी गुरप्रीत ने कहा, ‘‘भारतीय फुटबॉल का स्तर काफी ऊंचा है। हमें किसी भी अन्य टीम के जितना सम्मान मिलना चाहिए। हम मेहनती लोग हैं और बेहतर परिणामों के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हमें हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए और हम अपने खिलाफ खेलने वाले किसी भी प्रतिद्वंदी से उतना ही सम्मान हासिल करना चाहेंगे।’’
पिछले कुछ महीनों से सिडनी में रह रहे गुरप्रीत एसी मिलान और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कोच जेल्को कलाक के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण ले रहे हैं जो इटली की टीम की ओर से खेलते हुए यूएफा चैंपियंस लीग के विजेता रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं देश में लॉकडाउन होने से पहले यहां आया था और उसके बाद मैं बाहर नहीं जा सका। इसलिए, मैंने कुछ महीने घर पर काम किये। लॉकडाउन में ढिलाई के बाद मैं एरिक (बीएफसी टीम साथी एरिक पोर्तालु) के साथ सप्ताह में एक-दो बार प्रशिक्षण लेना शुरू किया।’’
उन्होंने बताया कि वह अब लगभग एक महीने से सिडनी यूनाइटेड 58 के गोलकींिपग कोच के साथ प्रशिक्षण ले रहे हैं। यह वास्तव में शानदार अनुभव है। उन्होंने कहा, ‘‘आज की पीढ़ी के ज्ञान और प्रदर्शन का स्तर पहले की तुलना में काफी बदल गया है। अब यह पहले से कहीं अधिक है और जानकारी प्राप्त करना आसान है। सुनील छेत्री जैसे खिलाड़ी जो उस समय थे वह अभी भी अपने खेल में टॉप पर हैं और उन्होंने अपनी आदतें बदल ली हैं। युवा खिलाड़ी उनको या संदेश (ंिझगन) या मुझे देखकर अनुसरण कर सकते हैं।’’
लगभग साढ़े छह फुट लम्बे गुरप्रीत प्रशंसकों के बीच ‘द वॉल’ के नाम से मशहूर है। वह कई बार कप्तान की भूमिका भी निभा चुके हैं जिसमें पिछले वर्ष सितंबर में दोहा में एशियाई चैंपियन कतर के खिलाफ 0-0 का ड्रॉ शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘वह काफी यादगार लम्हें हैं। हम सभी मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश कर रहे थे और यह भी सुनिश्चित कर रहे थे कि हमसे कोई गलती न हो। आप एशिया में सर्वश्रेष्ठ टीम का सामना कर रहे हैं और यदि आप उन्हें हल्का सा भी मौका देते हैं, तो वे उस मौके को पूरा भुना देते हैं।’’