नई दिल्ली। क्रिकेट के इतिहास में वनडे प्रारूप की खोज के साथ ही फैन्स के बीच यह प्रारूप कोफी लोकप्रिय हो गया। जैसे-जैसे समय बीता वैसे-वैसे इस प्रारूप में बल्लेबाजों ने तेजी से रन बनाने शुरु किये और जहां शतक लगाना आसान नहीं होता था वहां इस प्रारूप में दोहरे शतक लगने लगे। टेस्ट क्रिकेट में भले ही बल्लेबाजों की तकनीक का असली टेस्ट होता था लेकिन वनडे क्रिकेट ने तेजी से रन बनाने की काबिलियत के चलते खिलाड़ियों को अलग स्तर का सम्मान दिलाया।
खासतौर से भारतीय बल्लेबाजों को जिन्होंने इस प्रारूप में न सिर्फ अपनी धाक जमाई बल्कि भारतीय क्रिकेट को भी ऊंचाईयों पर ले गये। मौजूदा समय में गेंदबाज भी बल्लेबाजी का लुत्फ उठाते नजर आते हैं और अपनी पारी का इंतजार करते हैं ताकि मौका मिलने पर वो भी अपने शॉट्स का प्रदर्शन कर सकें। आज हम आपको भारतीय क्रिकेट के उन 3 खिलाड़ियों का नाम बताने जा रहे हैं जिन्हें अपने पूरे वनडे करियर के दौरान बल्लेबाजी का मौका नहीं मिल सका।
भारतीय टीम के बाएं हाथ तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में न सिर्फ अपनी गेंदबाजी से बल्कि अपनी बल्लेबाजी से भी काफी प्रभावित किया। हालांकि दुर्भाग्य से जयदेव उनादकट को भारतीय टीम के लिये खेलने के बावजूद वनडे क्रिकेट में बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिल सका। जयदेव ने भारतीय टीम के लिये 7 अंतर्राष्ट्रीय वनडे मैचों में शिरकत की है जिसमें उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला।
हालांकि गेंदबाजी में 26.12 के औसत से 8 विकेट जरूर झटके हैं। फिलहाल वह घरेलू स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करते नजर आये हैं और अभी भी भारतीय टीम में वापसी करने की उम्मीदें बरकरार हैं। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि वह भविष्य में भारतीय टीम के लिये बल्लेबाजी करते हुए भी नजर आ सकते हैं। आईपीएल और घरेलू स्तर पर अपने हरफनमौला खेल के चलते भारतीय क्रिकेट टीम में जगह बनाने वाले ऑलराउंडर खिलाड़ी मनप्रीत सिंह गोनी का नाम भी इस लिस्ट में शुमार है, जिसे देखकर आपका हैरान होना लाजमी है।
बड़े-बड़े शॉट खेलने के लिये मशहूर मनप्रीत गोनी ने अपने करियर में भारतीय टीम के लिए 2 वनडे मैचों में शिरकत की जिसमें वह एक बार भी बल्लेबाजी करते नजर नहीं आये। हालांकि इस दौरान उन्होंने 38 की औसत से 2 विकेट अपने नाम किये। मनप्रीत गोनी ने संन्यास ले लिया है जिसके चलते यह कहना गलत नहीं होगा कि वह वनडे क्रिकेट में भारत के लिये अब बल्लेबाजी नहीं कर पायेंगे। इस बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं कि 2007 टी20 विश्व कप में भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले बायें हाथ के तेज गेंदबाज आरपी सिंह टीम इंडिया के लिये इसी नाम से खेलने वाले दूसरे खिलाड़ी हैं।
उनसे पहले भी साल 1990 में रुद्र प्रताप सिंह नाम के खिलाड़ी ने भारत के लिये खेला था। लखनऊ के रहने वाले इस खिलाड़ी के बाद जब दूसरे आरपी सिंह भारत के लिये खेले तो उन्हें आरपी सिंह सीनियर के नाम से जाना जाने लगा। सीनियर आरपी सिंह भी गेंद के साथ बल्ले से भी योगदान देने की क्षमता रखते थे। हालांकि करियर में खेले गये 2 वनडे मैचों में उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिल सका, जिसके बाद वह कभी टीम में वापसी नहीं कर सके। गेंदबाजी में भी इस गेंदबाज के नाम सिर्फ 1 विकेट ही हैं। आगे चलकर उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कहते हुए संन्यास का ऐलान कर दिया।