नई दिल्ली। राष्ट्रीय क्रिकेट प्रतियोगिता रणजी ट्राफी के सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबलों में अंपायर फैसला समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) का पहली बार इस्तेमाल किया जाएगा। देश की शीर्ष क्रिकेट प्रतियोगिता में यह पहला मौका होगा जब खिलाड़ी सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबलों में डीआरएस का इस्तेमाल कर सकेंगे। रणजी ट्राफी का सेमीफाइनल 29 फरवरी से खेले जाएंगे। सौराष्ट्र और गुजरात तथा कर्नाटक और बंगाल के बीच सेमीफाइनल मुकाबले होंगे। फाइनल नौ मार्च से खेला जाना है।
टेस्ट क्रिकेट में आमतौर पर हर टीम के लिए हर पारी में दो डीआरएस उपलब्ध रहते हैं जो सफल रहने पर जारी रहते हैं लेकिन चूकने पर दो डीआरएस के बाद टीम के पास फिर कोई डीआरएस नहीं बचता। लेकिन रणजी ट्राफी में हर पारी में टीम के पास अधिकतम चार रेफरल उपलब्ध रहेंगे। रणजी ट्राफी में डीआरएस का इस्तेमाल सीमित रहेगा और स्रिको, हॉट स्पॉट तथा बॉल ट्रेकर का इस्तेमाल नहीं होगा। तीसरे अंपायर की मदद के लिए स्लो मोशन कैमरा रहेगा।