नई दिल्ली। भारत और न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में मिली शर्मनाक हार के बाद फैन्स से लेकर हर दिग्गज खिलाड़ियों ने विराट कोहली की कप्तानी को लेकर सवाल उठाया है। वहीं रवि शास्त्री ने कहा कि एक अच्छे कप्तान का मतलब यह नहीं होता कि वह हमेशा आगे से टीम को लीड करे, बल्कि एक अच्छा कप्तान वह होता है जो टीम में ऐसे खिलाड़ियों को बनाये जो आगे बढ़कर टीम का नेतृत्व जीत की दिशा में करे। उन्होंने कहा, 'लीडरशिप का मतलब यह नहीं की आप ही मंजिल तक राह तय करें बल्कि इसका मतलब है कि आप अपने साथ दूसरों को भी राह दिखाएं। आप (बतौर टीम) अगले 12 महीनों में खुद को कहां देखना चाहते हैं इस पर विचार करना होता है। इससे बतौर खिलाड़ी आपकी मनोदशा में बदलाव आता है। यही कारण है कि टीम में कोई खिलाड़ी किसी रोल को निभाने से पीछे नहीं हटता। रवि शास्त्री का मानना है कि अगर टीम के 2 सीनियर खिलाड़ियों के बीच उनके इगो का टकराव होता है तो वह इसकी परवाह नहीं करते। उनका मानना है कि ऐसा होने पर दोनों खिलाड़ियों में अपना बेस्ट देने की होड़ मच जाती है और फिर इसका फायदा टीम को मिलता है।
शास्त्री ने कहा, 'यह अच्छा ही होता है क्योंकि इससे दोनों का बेस्ट बाहर आता है। मैं यह सब मैदान के बाहर से देख रहा था। अगर इससे आग ज्यादा लगती तो मैं वहां नियंत्रण के लिए था। लेकिन मैं चाहता था कि कुछ समय के लिए इसे चलने दिया जाए। क्योंकि यहां प्रतिस्पर्धा यह थी कि अगर वह 200 कर रहा, तो मैं 220 करूंगा। इससे किसको फायदा होगा? निश्चित तौर पर टीम को। लेकिन यह नियंत्रण से बाहर नहीं होना चाहिए और ऐसा हुआ भी नहीं। क्योंकि आप जानते हैं कि ऐसे विचारों और व्यवहार से आप टीम का मनोबल तोड़ते हैं। यह खेल आपको एक चीज और सिखाता है। वह यह- एक कप्तान हीरो नहीं होता। वह हीरो बनाता है।'