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Astrology

शिव-पार्वती को प्रसन्न करने के लिए कुंवारी कन्याओं को ऐसे करना चाहिए...

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 19 2020 12:06AM | Updated Date: Aug 19 2020 12:06AM
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हरतालिका तीज व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। माता पार्वती ने शंकर भगवान को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। मान्यता है कि माता पार्वती के इस तप को देखकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और इस दिन पार्वती जी की अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इस साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी इस वर्ष 21 अगस्त को हरतालिका तीज मनाई जाएगी। 

कुंवारी लड़कियों के लिए हरतालिका तीज का महत्व : माता पार्वती ने भगवान शिव को पति स्वरुप में पाने के लिए कठोर तप किया था। इसके लिए उन्होंने अपने हाथों से स्वयं शिवलिंग बनाया और उसकी विधि विधान से पूजा की। इसके फलस्वरूप भगवान शिव उनको पति स्वरुप में प्राप्त हुए। कुंवारी कन्याएं सुयोग्य वर की अभिलाषा से हरतालिका तीज का व्रत करती हैं ताकि उनको भी माता पार्वती की तरह ही मनचाहा वर प्राप्त हो सके। 

पूजा मुहूर्त : सुबह 5 बजकर 54 मिनट से सुबह 8 बजकर 30 मिनट तक।

शाम को हरितालिका तीज पूजा मुहूर्त : शाम 6 बजकर 54 मिनट से रात 9 बजकर 6 मिनट तक।

तृतीया तिथि प्रारंभ : 21 अगस्त की रात 02 बजकर 13 मिनट से।

हरतालिका तीज पूजा विधि : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी 21 अगस्त के प्रात:काल स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें। उसके बाद पूजा स्थान की सफाई करें। अब हाथ में जल और पुष्प लेकर हरतालिका तीज व्रत का संकल्प करें। इसके पश्चात सुबह या प्रदोष के पूजा मुहूर्त का ध्यान रखकर पूजा करें।

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