हिंदू धर्म में कई सारी मान्यताएं प्रचलित हैं। इन्हीं में से एक यह है कि महिलाओं को अपने पैरों में सोने के गहने नहीं पहनने चाहिए। क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों कहा जाता है? इस मान्यता के पीछे की वजह क्या है? यदि नहीं तो हम आपको इस बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। हिंदू धर्म में माना गया है कि सोना भगवान विष्णु को बहुत ही प्रिय है।
कहते हैं कि सोने के गहने धारण करने से विष्णु जी प्रसन्न होते हैं। और अपने भक्त के जीवन की सारी समस्याओं को समाप्त कर देते हैं। लेकिन सोने के गहने नाभि से नीचे नहीं धारण करने चाहिए। ऐसा करने से विष्णु जी के अपमान होने की बात कही गई है। ऐसे में व्यक्ति को विष्णु जी की कृपा नहीं मिलती और वह कई तरह की परेशानियों का सामना करता है।
पीला रंग लक्ष्मी जी को भी बहुत प्रिय है। चूंकि सोने का रंग पीला होता है, इसलिए सोने का कनेक्शन लक्ष्मी जी से है। लक्ष्मी जी को धन की देवी कहा गया है। कहते हैं कि लक्ष्मी जी कृपा से ही व्यक्ति को अपने जीवन में धन की प्राप्ति होती है। इसलिए सोने के गहने नाभि के नीचे नहीं धारण करने चाहिए। इससे लक्ष्मी जी रूठ सकती हैं। लक्ष्मी जी के रूठने से व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
पैरों में चांदी के गहने पहनने काफी शुभ माने गए हैं। चांदी में शीतलता पाई जाती है। यह शीतलता व्यक्ति को मानसिक रूप से शांत रहने में मदद करती है। पैरों में चांदी के गहने धारण करने से बात-बात पर क्रोध आना बंद हो जाता है। वहीं, ज्योतिष के अनुसार चांदी के गहने धारण करने से व्यक्ति का चंद्रमा मजबूत होता है। इससे व्यक्ति को अपने जीवन में सुख-सुविधाएं हासिल होती हैं।