शनि ग्रह के प्रति अनेक आखयान पुराणों में प्राप्त होते हैं। शनिदेव को सूर्य पुत्र एवं कर्मफल दाता माना जाता है। लेकिन साथ ही पितृ शत्रु भी शनि ग्रह के सम्बन्ध मे अनेक भ्रान्तियां और इस लिये उसे मारक, अशुभ और दुख कारक माना जाता है। पाश्चात्य ज्योतिषी भी उसे दुख देने वाला मानते हैं। लेकिन शनि उतना अशुभ और मारक नही है, जितना उसे माना जाता है। इसलिये वह शत्रु नही मित्र है।मोक्ष को देने वाला एक मात्र शनि ग्रह ही है। सत्य तो यह ही है कि शनि प्रकृति में संतुलन पैदा करता है, और हर प्राणी के साथ उचित न्याय करता है।
जो लोग अनुचित विषमता और अस्वाभाविक समता को आश्रय देते हैं, शनि केवल उन्ही को दण्डिंत करते हैं। अनुराधा नक्षत्र के स्वामी शनि हैं। इन राशि वाले लोगों को शनिदेव का पूरा साथ मिलने वाला है, आपको अपने करियर में आगे बढ़ने के बेहतरीन मौके मिलेंगे, आपको आर्थिक तौर पर फायदा मिलने का योग बन रहा है, आप अपने भविष्य की योजनाओं पर सोच विचार करेंगे, जीवनसाथी के साथ अच्छा तालमेल बना रहेगा, घरेलू सुख सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी, आपके अच्छे व्यवहार से लोग प्रभावित हो सकते हैं। आप अपने प्यार के लिए अपनी प्रेमिका से कुछ वादे कर सकते है। जीवनसाथी के प्रति प्यार का अहसास होगा। परिवार का भरपूर प्यार और स्नेह मिलेगा।
वे 5 राशियाँ कन्या, मिथुन, मकर, कुंभ और मीन हैं।