पटना। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) का दिसंबर 2022 में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। उसके बाद से वह अभी तक सिंगापुर में हैं। बेटी रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) के घर पर हैं और बेड रेस्ट कर रहे हैं। ऐसी खबर है कि 10 फरवरी को आरजेडी सुप्रीमो की वतन वापसी हो सकती है। लालू की वापसी की चर्चा के बीच कहीं खुशी तो कहीं गम का माहौल है। बिहार महागठबंधन (Bihar Mahagathbandhan) में भी फिलहाल कुछ ठीक नहीं दिख रहा है। घटक दलों में अंदर ही अंदर खिचड़ी पक रही है।
जेडीयू की ओर से उपेंद्र कुशवाहा तो आरजेडी की ओर से सुधाकर सिंह बागी हैं। उधर, कांग्रेस दो और मंत्री पद के लिए हाथ-पैर मार रही है। जीतन राम मांझी की पार्टी भी नीतीश कुमार पर हमला साधती रहती है। लालू सिंगापुर से लौटेंगे तो उनके सामने भी बिहार की महागठबंधन यानी कि उनकी सरकार को लेकर कई सारी चुनौतियां होंगी। इनका फैसला लालू को करना होगा। आइए पांच खास बिंदुओं के बारे में जानते हैं कि वतन वापसी के बाद लालू के सामने क्या-क्या चुनौतियां हो सकती हैं।
1.सुधाकर सिंह पर लेना है एक्शन
महागठबंधन सरकार में नीतीश की पार्टी जेडीयू और लालू की पार्टी आरजेडी मेन रोल में है। आरजेडी के विधायक पूर्व कृषि मंत्री मुख्यमंत्री नीतीश पर जमकर बरसते रहते हैं। उनके खिलाफ बयानों की बौछार लगा देते और उनके कार्य, कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हैं। इसे लेकर आरजेडी पार्टी की ओर से सिंह को कारण बताओ नोटिस दिया गया था। जेडीयू समेत महागठबंधन दल की अन्य पार्टियों ने सुधाकर मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की थी। अब आरजेडी को टेंशन है कि लालू के आने के बाद फैसला होगा। तो आरजेडी सुप्रीमो को अपने बागी विधायक सुधाकर पर क्या फैसला ले सकते हैं? अब वह क्या कार्रवाई करेंगे ये तो बाद में पता चलेगा।
2. बिहार की डील पॉलिटिक्स को लालू कैसे करेंगे टेकल
जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बीते दिनों आरजेडी और जेडीयू के बीच हुई किसी डील का खुलासा किया था। उनका कहना हुआ कि दोनों पार्टी ने सरकार बनाने के लिए डील की थी। अब डील क्या थी इसके बारे में किसी को नहीं पता। डील पॉलिटिक्स को लेकर विपक्ष और सत्ताधारी नेताओं की कई तरह की प्रक्रिया भी आई। लालू यादव के आने के बाद उनसे इस तरह के सवाल किए जाएंगे और इन बातों पर लालू का क्या रिएक्शन होगा और जेडीयू नेता की डील वाली बात को लालू कैसे लेंगे ये भी चुनौती हो सकती है। लालू को इस पर भी फैसला लेना पड़ सकता है।
3. कांग्रेस मांग रही मंत्री पद और तेजस्वी ने किया है मना
बिहार महागठबंधन में कांग्रेस भी शामिल है। बिहार कांग्रेस की ओर से मंत्री पदों की मांग की गई है। अखिलेश प्रसाद सिंह ने चार मंत्री पदों की मांग की है। हालांकि इसके लिए तेजस्वी तैयार नहीं हैं। लालू यादव लौटने के बाद इस मामले को भी संज्ञान में ले सकते हैं। महागठबंधन की पार्टियों को समझाने के लिए लालू यादव प्रयास कर सकते हैं। ये भी उनके लिए चुनौती होगी।
4. तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने की चाहत रख रही आरजेडी
कई दफे नीतीश कुमार कह चुके कि तेजस्वी को आगे बढ़ाना है। इन बातों पर उपेंद्र कुशवाहा को भी नाराजगी रही है। मुख्यमंत्री अपनी पार्टी के लोगों को छोड़ किसी और को आगे बढ़ा रहे। अब चर्चा रही कि नीतीश देश की राजनीति करेंगे तो बिहार की गद्दी तेजस्वी को जाएगी। इस पर जेडीयू और आरजेडी में भी खिटपिट हो गई। नीतीश कुमार ने महागठबंधन धर्म का पालन किया और कुशवाहा को छोड़ दिया। उधर, वो आए दिन खुलासा करने की बात कहते रहते।
5. आरजेडी को बढ़ाने और लोकसभा चुनाव के लिए करेंगे मंथन
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए लालू यादव रणनीति अपनाएंगे और अपनी पार्टी को और भी मजबूत बनाने का मंत्र देंगे। अब देखना ये होगा कि क्या नीतीश कुमार देश की राजनीति में उतरेंगे या नहीं। इसके लिए आरजेडी का सपोर्ट अहम होगा और सुप्रीम लालू प्रसाद के फैसले यहां सबसे महत्वपूर्ण होते। हालांकि देखा जाए तो लालू की सेहत बहुत अच्छी नहीं है। अभी किडनी ट्रांसप्लांट को दो महीने ही हुए हैं, लेकिन पार्टी को वह हर तरह से गाइड करते हैं। बिहार में महागठबंधन सरकार के भविष्य को लेकर भी वह सजग हैं। इसके लिए भी जरूरी मीटिंग कर सकते हैं।