खोवई। त्रिपुरा के खोवई जिले में एक ‘अवसादग्रस्त ’ के हमले में शनिवार को पांच लोगों की मौत हो गई जिनमें एक पुलिस निरीक्षक भी शामिल है। इस हमले में दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। अवर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) राजीव सेन गुप्ता ने बताया कि शेरातली गांव में प्रदीप देबरॉय नामक व्यक्ति ने अपने घर में अचानक ही अपनी दो किशोर बेटियों और छोटे भाई पर हमला कर दिया जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। उन्होंने बताया कि आरोपी की पत्नी को गंभीर हालत में खोवई जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सेनगुप्ता ने बताया कि इसके बाद देबरॉय ने सड़क पर एक ऑटोरिक्शा चालक को रोका और उसकी हत्या कर दी। इस हमले में ऑटोरिक्शा चालक का बेटा गंभीर रूप से घायल हुआ है। उन्होंने बताया कि दोनों घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है। एएसपी ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने पर निरीक्षक सत्यजीत मलिक के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची। देबरॉय ने पुलिस टीम पर भी हमला कर दिया। अगरतला शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में इलाज के दौरान मलिक की मौत हो गई। पुलिस अधीक्षक किरण कुमार ने बताया कि देबरॉय गत कुछ दिनों से अवसाद ग्रस्त था और उसने सभी से बातचीत बंद कर दी थी। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। गांव में पुलिस की एक टुकड़ी तैनात कर दी गई है।
कल अचानक आधी रात को नींद से उठ कर उसने घर में रखी कुल्हाड़ी हाथ में ली और सबसे पहले अपने दोनों बच्चों को मारना शुरू किया। इस दौरान उसकी पत्नी के साथ भी मारपीट हुई। पत्नी ने उसे घायल किया और किसी तरह दूर हट गई। लेकिन वह भी बुरी तरह घायल हो गई। फिर वह घर से बाहर निकल गया और मुहल्ले के दूसरे घरों में हमला करने लगा। लोग इतना डर चुके थे कि कुछ देर तक तो कोई घर से बाहर नहीं निकला।
फिर सभी ने हिम्मत जुटाकर एक साथ बाहर निकलकर प्रदीप को भगाने की कोशिश की। इस दौरान प्रदीप मोहल्ले के चौराहे पर आ गया। यहां एक ऑटो रिक्शा आ रहा था जिसमें बैठे दो लोगों पर उसने हथियार से हमला किया। इस हमले में बाप कृष्ण दास की मौके पर ही मौत हो गई जबकि बेटा करणबीर दास गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके बाद प्रदीप के हमले में एक पुलिस इंस्पेक्टर सत्यजीत मलिक की भी जान चली गई।प्रदीप के हमले में कई लोग घायल बताए जा रहे हैं। इनमें से कुछ की हालत गंभीर है। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है और प्रदीप के इस खूनी हिंसक बर्ताव की वजह का पता लगाने की कोशिश हो रही है।