नई दिल्ली। कोविड़ वायरस के नए वैरिएंट की दहशत दुनिया के कुछ देशों में साफतौर पर देखी जा रही है। हालांकि आधिकारिक सूत्रों ने कहा है कि भारत में इस नए वैरिएंट का कोई मामला अब तक सामने नहीं आया है। कोरोना का नया वैरिएंट दक्षिण अफ्रीका और बोत्सवाना में पाया गया है। इसकी वजह से वहां पर कोरोना के मामलों में तेजी भी देखने को मिल रही है। इसके मद्देनजर ब्रिटेन के बाद अब इजरायल ने भी अफ्रीकी देशों पर ट्रैवल बैन लगा दिया है। विभिन्न देशों में इसको लेकर व्याप्त खौफ को देखते हुए ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुक्रवार को एक आपातकालीन बैठक बुलाई है। वहीं आस्ट्रेलिया ने इसकी जांच करने की बात कही है। ब्रिटेन ने इस वैरिएंट को लेकर पहले भी चेतावनी दी थी। इसमें बोत्सवाना में 32 म्यूटेशन पाए जाने और वैक्सीन का असर इन पर कम होने का जिक्र था। अब आस्ट्रेलिया ने भी इस नए वैरिएंट पर जांच करने का एलान कर दिया है। आस्ट्रेलिया ने यहां तक कहा है कि यदि खतरा बढ़ता है तो वो अफ्रीकी देशों पर यात्रा के लिए प्रतिबंध भी लगा सकता है। इस नए वैरिएंट को देखते हुए ही ब्रिटेन ने अफ्रीका के छह देशों में उड़ान पर रोक लगा दी है। ब्रिटेन की तरफ से कहा गया है कि नए वैरिएंट B.1.1.529 में स्पाइक प्रोटीन है जो कोरोना वायरस के मूल स्वरूप से अलग है।नए वैरिएंट पर दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिकों ने कहा है कि ये अधिक संक्रमित है। आस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट ने कहा कि हम इसको लेकर काफी हद तक फ्लेक्सीबल हैं। यदि मेडिकल एडवाइस को बदलना होगा तो हम हिचकिचाएंगे नहीं। एक देश के तौर पर यदि सीमाओं को बंद करना पड़ा या लोगों को क्वारंटीन करने की जरूरत हुई तो ऐसा किया जाएगा। ब्रिटेन पहले ही अफ्रीकी देश दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, बोत्सवाना, जिम्बावबे, लेसिथो और एस्वेतिनी पर ट्रैवल बैन लगा चुका है। यहां से वापस आने वाले नागरिकों को क्वारंटीन करने का एलान भी ब्रिटेन कर चुका है। ब्रिटेन के अधिकारियों का कहना है कि इस वैरिएंट से कोरोना वैक्सीन का असर कम हो जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि वो इसको फिलहाल देख रहा है और समझने की कोशिश कर रहा है। कोरोना वायरस का ये नया वैरिएंट इसलिए बेहद खतरनाक है क्योंकि इसका संक्रमण बड़ी तेजी से फैलता है। इसके अलावा ये वैक्सीन के प्रभाव को भी कम या खत्म कर देता है। साथ ही मूल वायरस से ये काफी अलग है।
कोरोना के नए वेरिएंट के सामने आने से दुनिया ही नहीं सहमी, बल्कि शेयर बाजार भी सहम गया। सेंसेक्स लगभग 1,400 अंकों की गिरावट के साथ ट्रेड करता दिखाई दिया। इसी तर्ज पर निफ्टी भी करीब 300 अंकों की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा था। हालांकि निफ्टी में दवा कंपनियों के शेयर ही ग्रीन जोन में रहे। बाजार के जानकार इस गिरावट के लिए दक्षिण अफ्रीका समेत कुछ और देशों में आए कोविड-19 के नए वेरिएंट को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। गौरतलब है कि नए वेरिएंट के सामने आते ही ब्रिटेन समेत इजरायल ने कई देशों की फ्लाइट रोक दी, तो भारत में भी सरकार ने राज्यों को अलर्ट जारी कर सावधान रहने को कहा है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सूचकांक निफ्टी का हाल भी बुरा रहा। निफ्टी की शुरुआत भी कमजोर रही और ये करीब 250 अंक की गिरावट के साथ खुला, जबकि गुरुवार को ये 17,536।25 अंक पर बंद हुआ था। सुबह के कारोबार में निफ्टी 430 अंक तक की गिरावट दर्ज की गई। सुबह निफ्टी में शामिल 50 कंपनियों में सिप्ला का शेयर सबसे अधिक बढ़त 1।43 फीसदी के साथ कारोबार कर रहा है। बाकी डॉक्टर रेड्डीज और सन फार्मा ग्रीन जोन में बने हुए हैं।