जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की बदौलत राज्य में महिला अपराधों की लम्बित दरें देश में सबसे कम हैं।
गहलोत ने आज कहा कि राज्य में महिला अपराधों में लम्बित दरें 8.7 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय औसत 32.4 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं और बालिकाओं एवं समाज के कमजोर वर्गों के खिलाफ होने वाले अपराधों के मामलों में पुलिस पूरी तत्परता एवं संवेदनशीलता से कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। सभी मामलों में निष्पक्ष, विस्तृत एवं त्वरित जाँच करके न्याय सुनिश्चित कर रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पुलिस थानों में प्राथमिकी दर्ज करना अनिवार्य किया है। महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने के लिये हर जिले में महिला अपराध अनुसंधान इकाईयां बनाने के साथ ही पुलिस उपाधीक्षक स्तर के नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं। इससे दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराधों में औसत अनुसंधान समय घटकर 126 दिन रह गया है, जो वर्ष 2017-18 में 274 दिन था।
गहलोत ने कहा कि घृणित अपराधों के मामलों की निगरानी के लिये पुलिस महानिरीक्षक स्तर पर ‘घृणित अपराध निगरानी इकाई’ का गठन किया गया है। कोई कानूनी रास्ता निकालकर अपराधी बच न सकें इसके लिये यूनिट में एक लीगल अधिकारी की नियुक्ति की गयी है। उन्होंने कहा कि इन्हीं कदमों की बदौलत राज्य में महिला अपराधों में लम्बित दरें देश में सबसे कम हैं।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने महिला अपराधों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई के लिये गहलोत की प्रशंसा की है। उन्होंने ट्विट करके कहा, ‘कोई भी राजनीतिक व्यवस्था महिलाओं के प्रति संवेदनशील हुए बिना प्रगति नहीं कर सकती। भरतपुर मामले में संज्ञान लेकर शीघ्रता से न्यायोचित कार्रवाई करने के लिए अशोक गहलोत का बहुत धन्यवाद।’