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दिव्यांगों के कल्याण के लिए नहीं रखेंगे कोई कमी : गहलोत

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 4 2020 12:24AM | Updated Date: Dec 4 2020 12:24AM
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जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांगों के कल्याण के लिए कोई कमी नहीं रखेगी। गहलोत आज यहां अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भारतीय उद्योग परिसंघ की ओर से आयोजित दिव्यांगता एवं पुनर्वास पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों ने शारीरिक बाधाओं के बावजूद अपने काम से पूरी दुनिया में नाम किया है।

गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने दिव्यांगजन के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कई महत्वपूर्ण काम किए हैं और फैसले लिए हैं। प्रदेश में राजकीय सेवाओं में दिव्यांगजन का आरक्षण तीन प्रतिशत से बढ़ाकर चार प्रतिशत किया गया है। राजकीय भवनों में दिव्यांगों के सहज आवागमन के लिए रैम्प सहित अन्य सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। दिव्यांगों के कल्याण के लिए कार्य कर रहीं संस्थाओं के कार्मिकों के मानदेय में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। 

उन्होंने कहा कि आगे भी हमारी सरकार दिव्यांगों के कल्याण के लिए संसाधनों में किसी तरह की कमी नहीं रखेगी। उन्होंने कहा कि योग्यता और सामर्थ्य को देखकर संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1992 में तीन दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस मनाने की घोषणा की। इसके बाद सरकारों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रयासों से दिव्यांगों के सामाजिक, आर्थिक एवं सर्वांगीण उत्थान की दिशा में काफी काम हो सका। हमारा प्रयास है कि दिव्यांगजनों को अधिकाधिक सुविधाएं मिलें जिससे वे अपनी योग्यता साबित कर आत्मनिर्भर बन सकें। 

गहलोत ने कहा कि महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन एवं स्टीफन हॉकिंग, मशहूर संगीतकार रवीन्द्र जैन, संत एवं कवि सूरदास जी एवं नृत्यांगना सुधा चंद्रन सहित कई सी हस्तियां हैं जो किसी न किसी दिव्यांगता से ग्रसित रहे, लेकिन अपनी योग्यता से पूरी दुनिया में नाम किया। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के प्रति समाज की सोच बदली है और उन्हें सम्मान मिल रहा है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम दिव्यांगजन को हरसंभव मदद कर आगे बढ़ाएं ताकि उनकी हीन भावना दूर हो और उनकी क्षमताओं का विकास हो सके।

उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देशों में दिव्यांगजन को संबल प्रदान करने के लिए बेहतरीन काम हुए हैं, जिनसे उनकी प्रतिभा निखरी है और वे विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत में भी बड़ी संख्या में दिव्यांगजन हैं, उन्हें हम आधुनिक तकनीक के सहायक उपकरण तथा जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करवाकर उनकी कुशलता में वृद्धि कर सकते हैं। इससे न केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा बल्कि वे समाज में सम्मानपूर्वक जीवन जी सकेंगे। 

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