28 Mar 2024, 14:51:18 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
State

संविधान में प्रदत्त अधिकारों की तरह कर्तव्यों की पालना का भी हो बोध : मिश्र

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 29 2020 3:15PM | Updated Date: Feb 29 2020 3:16PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

चित्तौड़गढ़। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने हाल ही में दिल्ली में हुई साम्प्रदायिक हिंसा पर चिता व्यक्त करते हुए कहा कि हमें संविधान में प्रदत्त अधिकारों की तरह कर्तव्यों की पालना का भी बोध हो तो विश्व में बंधूत्व की भावना प्रबल हो जाएगी। मिश्र ने आज यहां मेवाड़ विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए संविधान के अनुच्छेद 51 अ में बताए गये बिंदू बताए और कहा कि इस अनुच्छेद में जो 11 कॉलम है वह देश के नागरिकों को उनके कर्तव्यों का बोध करवाते हैं जबकि आज सभी अधिकारों की ही बात करते हैं। 

उन्होंने कहा कि अधिकारों के नाम पर हिंसा एवं देश की सम्पत्ति को क्षति पहुंचाना अपने कर्तव्यों का उल्लंघन माना जाना चाहिए। उन्होंने छात्रों से कहा कि उच्च अध्ययन यज्ञ में आहूति की तरह होती है जो आपको सम्पूर्णता प्रदत्त करती है जिसके लिए आपको लगातार मेहनत करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि आप कल से बेहत्तर आज और आज से बेहत्तर कल करने की सोच रखें तो सफलता मिलती रहेगी।

मिश्र ने शिक्षा को रोजगारपरक बनाने पर जोर देते हुए कहा कि यदि छात्र को रोजगारपरक शिक्षा मिले तो ना केवल उसे शहर की ओर पलायन करना पड़ेगा बल्कि वह अपने ही क्षेत्र में स्वयं रोजगार प्राप्त करने के साथ अन्य को भी रोजगार देने के अवसर बनाएगा। प्रारंभ में विश्वविद्यालय के अध्यक्ष ने विश्वविद्यालय के बारे में बताया कि राज्य का यह एक मात्र ऐसा स्ववित्त पोषत विश्वविद्यालय है जहां पर सबसे कम फीस पर देश के 29 प्रांतों के साथ 12 विदेशी छात्रों सहित कुल 10 हजार छात्र-छात्रा अध्ययन करते हैं और इनमें से भी 75 प्रतिशत अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ अल्पसंख्यक वर्ग के हैं। 

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »