अजमेर। राजस्थान में अजमेर में सूफीसंत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती का 808वां सालाना उर्स शुरु हो गया है। कल मध्य रात्रि 12 बजे आस्ताना शरीफ पर शाही गुस्ल की परम्परा निभाई गई। इस दौरान अकीदतमंदों का हुजूम उमड़ पड़ा। इससे पहले रजब महीने का चांद दिखाई देने पर दरगाह में शादियानें बजाकर एवं बड़े पीर साहब की पहाड़ी से तोप का गोला दागकर उर्स शुरू होने का ऐलान किया गया। ऐलानिया बयान के वक्त जायरीन एवं अकीदतमंद ही नही खादिमों का समुदाय भी खुशी से झूम उठा। इस दौरान पूरी दरगाह रोशनी से झिलमिला रही थी।
उर्स की विधिवत घोषणा के बाद रात्रि में ही दरगाह के महफिल खाने में दरगाह दीवान के उत्तराधिकारी, उनके पुत्र सैय्यद नसीरुद्दीन की सदारत में उर्स की महफिल हुई। महफिल में शाही कव्वालों द्वारा ख्वाजा गरीब नवाज की शान में सूफीयाना कलाम एवं कव्वाली पेश की गई। यह सिलसिला दौरान-ए-उर्स जारी रहेगा। उर्स के मौके पर 28 मार्च को जुम्मे की बड़ी सार्वजनिक नमाज अता की जायेगी। छठी के कुल की रस्म दो मार्च को निभाई जायेगी। उर्स के मौके जायरीनों के अजमेर शरीफ पहुंचने और गरीब नवाज की बारागाह में चादर पेश करने का सिलसिला तेज हो गया है।