टोक्यो। युवा भारतीय गोल्फर अदिति अशोक यहां शनिवार को टोक्यो ओलम्पिक की महिला व्यक्तिगत गोल्फ स्ट्रोक प्ले प्रतियोगिता में पदक हासिल करने से चूक गईं। उन्होंने चौथे स्थान पर स्पर्धा समाप्त की जो अब तक ओलंपिक में किसी भी भारतीय गोल्फर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। अदिति ने पहले तीनों राउंड में अच्छा प्रदर्शन किया और शीर्ष तीन में जगह बनाए रखी। उनके इसी प्रदर्शन के चलते सभी को उनसे पदक की उम्मीद थी, लेकिन चौथे और अंतिम राउंड में 68 का कार्ड खेलने के कारण चौथे स्थान पर खिसकने से वह पोडियम (शीर्ष तीन) पर समाप्त नहीं कर पाईं। अमेरिका की नेली कोर्डा ने सभी प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ते हुए शीर्ष पर रह कर स्वर्ण पदक जीता।
कोर्डा का चार राउंड का स्कोर 17 अंडर 267 रहा वहीं जापान की इनामी मोने फाइनल राउंड में न्यूजीलैंड की लिडिया केओ को पीछे छोड़ कर रजत पदक हासिल करने में कामयाब रहीं। लिडिया को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। मोने और लीडिया का स्कोर एक बराबर 16 अंडर 268 रहा लेकिन जापानी गोल्फर ने शूट आउट में बाजी मार ली और रजत पदक ले गयीं। अदिति का स्कोर 15 अंडर 269 रहा और उन्हें चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा। अदिति ने 68 के अपने आखिरी राउंड में पांच बर्डी खेली और दो बोगी मारी। भारत की दीक्षा डागर भी कुछ खास नहीं कर पाईं और आखिरी राउंड में 70 का कार्ड खेलकर छह ओवर 290 के स्कोर के साथ 50वें स्थान पर स्पर्धा समाप्त की। स्वर्ण पदक विजेता नेली कोर्डा की बहन जेसिका कोर्डा ने अच्छा प्रदर्शन किया।
वह संयुक्त 15वें स्थान पर रहीं। भारतीय गोल्फर अदिति ने चौथे स्थान पर रहने के बाद कहा,'' मुझे लगता है कि मैंने अपना 100 प्रतिशत प्रदर्शन किया लेकिन ओलम्पिक में चौथे स्थान पर रह जाना कचोटता है जहाँ तीन ही पदक दिए जाते हैं। कोई और टूर्नामेंट होता तो मैं इस प्रदर्शन पर बहुत खुश होती। लेकिन ओलम्पिक में चौथे स्थान से खुश होना बहुत मुश्किल है। मैं अच्छा खेली और मैंने अपना शत प्रतिशत प्रदर्शन किया। आखिरी राउंड में उतरते हुए मैंने इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं सोचा था। मैंने आखिरी कुछ पट्स को होल में पहुंचाने की पूरी कोशिश की। कोई दूसरा टूर्नामेंट होता जहां आप दूसरे या चौथे स्थान पर रहते तो कोई उस पर ध्यान नहीं देता लेकिन यह ओलम्पिक है।''