नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक में शनिवार का दिन भारत के लिए काफी शुभ रहा। भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया ने कांस्य पदक जीत लिया है। इस तरह भारत के खाते में अब तक 6 मेडल आ गए हैं। पुनिया ने कजाकिस्तान के पहलवान Daulet Niyazbekov को 8-0 से शिकस्त दी है। टोक्यो ओलंपिक का आज 16वां दिन है। बजरंग को शुक्रवार को पुरुष फ्रीस्टाइल 65 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल मुकाबले में अजरबैजान के हाजी अलियेव के हाथों 5-12 से हार का सामना करना पड़ा। सेमीफाइनल में हार के साथ बजरंग का सोना लाने का सपना टूट गया। बजरंग पुनिया का जन्म 26 फरवरी 1994 को हरियाणा झज्जर जिले के खुड्डन गांव में हुआ था। बजरंग पुनिया के पिता भी पहलवान रह चुके हैं, इसलिए उनको कुश्ती विरासत में मिली। जानकारी के अनुसार बजरंग ने केवल सात साल की उम्र में कुश्ती शुरू कर दी थी।इस दौरान बजरंग के पिता ने उनका पूरा सहयोग किया। बजरंग के घर की माली हालत ज्यादा अच्छी नहीं थी, उनके पिता बस का किराया बचाने के लिए साइकिल से अपने काम पर जाते थे।
बजरंग का परिवार 2015 में हरियाणा के ही सोनीपत में शिफ्ट हो गया था। ताकि वह भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के सेंटर में ट्रेनिंग कर सकें। भारत के स्टार पहलवान बजरंग पुनिया को यहां चल रहे टोक्यो ओलंपिक में पुरुष फ्रीस्टाइल 65 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल मुकाबले में अजरबैजान के हाजी अलियेव के हाथों 5-12 से हार का सामना करना पड़ा था। बजरंग ने इस मुकाबले की शुरूआत बेहतर तरीके से की और एक अंक हासिल किया, लेकिन हाजी ने तुरंत वापसी कर चार अंक बटोरे। बजरंग पहले पीरियड में 1-4 से पिछड़ गए। दूसरे पीरियड में भी हाजी बजरंग पर पूरी तरह भारी पड़े और चार अंक हासिल किए। बजरंग ने हालांकि फिर दो अंक बटोरे और अंकों का फासला कम करने की कोशिश की। लेकिन हाजी ने फिर उन्हें चित्त कर एक अंक लिया। बजरंग ने इसके बाद दो अंक लिए और इस वक्त मुकाबला कठिन लगने लगा। हालांकि, हाजी ने फिर दो और अंक हासिल कर लिए। हाजी ने एक और अंक लेकर मुकाबला एकतरफा बनाकर जीत दर्ज की। दूसरे पीरियड में हाजी ने 8-4 की बढ़त बनाई।