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Sport

स्वर्ण हासिल करने उतरेंगे तीन भारतीय पुरुष मुक्केबाज

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 31 2021 5:54PM | Updated Date: May 31 2021 5:55PM
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दुबई। गत चैंपियन अमित पंघल सहित तीन भारतीय पुरुष मुक्केबाज दुबई में 2021 एएसबीसी एशियाई महिला एवं पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में सोमवार को स्वर्ण पदक के लिए उतरेंगे। पंघल के अलावा अब तक इस टूर्नामेंट में पांच पदक अपने नाम कर चुके शिवा थापा (64 किग्रा) और संजीत (91 किग्रा)  एक्शन में होंगे। बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) और यूएई बॉक्सिंग फेडरेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की जा रही इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में  भारतीय दल ने पहले ही अभूतपूर्व सफलता हासिल करते हुए 15 पदक अपने नाम कर लिए हैं। यह इस चैम्पियनशिप में उसका अब तक का सर्वोत्तम प्रदर्शन है।
 
बैंकाक में 2019 में भारत ने 13 पदक (2 स्वर्ण, 4 रजत और 7 कांस्य) जीते थे और तालिका में तीसरे स्थान पर रहा था। पुरुषों के वर्ग में एशियाई खेलों के चैम्पियन पंघल आज स्वर्ण पदक के मैच में रियो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और मौजूदा विश्व चैंपियन उज्बेकिस्तान के मुक्केबाज जोइरोव शाखोबिदीन के खिलाफ खेलते हुए अपने खिताब की रक्षा करने की कोशिश करेंगे। असम के मुक्केबाज थापा, जो लगातार पांच पदक के साथ चैंपियनशिप में संयुक्त रूप से सबसे सफल पुरुष मुक्केबाज रहे हैं, को एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता मंगोलिया के बातरसुख चिनजोरिग की चुनौती स्वीकार करनी होगी।
 
दूसरी वरीयता प्राप्त संजीत का सामना रियो ओलंपिक के रजत पदक विजेता वासिली लेविट से होगा, जो एशियाई चैंपियनशिप के अपने चौथे स्वर्ण पदक का लक्ष्य लेकर रिंग में उतरेंगे। उल्लेखनीय है कि रविवार भारत की पूजा रानी ने  75 किग्रा के फाइनल मुकाबले में उजबेकिस्तान की मावलुदा मोल्दोनोवा को एकतरफा अंदाज में 5-0 से हराते हुए भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया जबकि एमसी मैरीकोम(51 किग्रा), लालबुतसाही (64 किग्रा) और अनुपमा (+81 किग्रा) को अपने अपने वजन वर्गों के फाइनल में हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। हरियाणा के भिवानी की पूजा का एशियाई चैम्पियनशिप में यह चौथा और लगातार दूसरा स्वर्ण पदक था।
 
इंचियोन एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीत चुकीं पूजा ने बैंकाक में 2019 में स्वर्ण जीता था जबकि उससे पहले 2015 में कांस्य और 2012 में रजत पदक जीता था। इससे पहले, छह बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरीकोम को अपना आइडल मानने वाली भारत की निडर युवा मुक्केबाज लालबुतसाही को फाइनल में हार मिली। पहली बार एशियाई चैम्पियनशिप में खेल रहीं पुलिस में काम करने वाली और 2019 विश्व पुलिस खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली लालबुतसाही का 64 किग्रा के फाइनल में सामना कजाकिस्तान की मिलाना साफरोनोवा से हुआ। वह अनुभवी साफरोनोवा से बिल्कुल नहीं डरीं और जमकर मुक्के बरसाए लेकिन वह 2-3 से यह मुकाबला हार गईं।
 
लालबुतसाही से पहले मैरी कोम अपने रिकार्ड छठे स्वर्ण से महरूम रह गईं थी। मैरी को 51 किग्रा वर्ग के फाइनल में दो बार की विश्व चैंपियन नाजÞमि काजैबे ने 3-2 से हराया। मैरी ने एशियाई चैम्पियनशिप में सातवीं बार हिस्सा लेते हुए दूसरी बार रजत पदक जीता है। उनके नाम पांच स्वर्ण और दो रजत हैं। अनुपमा को 81 किग्रा से अधिक के वजन वर्ग में कजाखस्तान की लज्जत कुंजईबायेवा से नजदीकी मुकाबले में 2-3 से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। आठ भारतीय मुक्केबाज सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), विकास कृष्ण (69 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), जैस्मीन (57 किग्रा), साक्षी चौधरी (64 किग्रा), मोनिका (48 किग्रा), स्वीटी (81 किग्रा) और वरिंदर सिंह (60 किग्रा) को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। इन सबने देश के लिए कांस्य पदक हासिल किया है।
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