लखनऊ। उत्तर प्रदेश ओलंपिक एसोसिएशन ने विभिन्न स्पोर्ट्स कॉलेज और हास्टल में रहने वाले खिलाड़ियों की डायटमनी में मदद के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए है। एसोसियेशन के अध्यक्ष विराज सागर दास और महासचिव डा आनन्देश्वर पाण्डेय ने हाल ही में मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य में तीनों स्पोर्ट्स कॉलेजों के साथ 19 जिलों में 16 खेलों में 44 स्पोर्ट्स हास्टल का संचालन होता है। इनमें खिलाड़ियों की डायटमनी के मद में 250 रूपए प्रति खिलाड़ी रोज का खर्चा दिया जाता हैं। इन सब जगह 2000 से भी ज्यादा बालक व बालिका खिलाड़ी हैं। इनमें से कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के व कई राष्ट्रीय पदक विजेता भी हैं जो गरीब परिवार से संबंध रखते हैं।
हालांकि कोरोना संक्रमण के कारण लगे लॉकडाउन से खेल की गतिविधियां मार्च 2020 से बंद होने के चलते सभी खिलाड़ी अपने-अपने घर लौट गए हैं। वहीं गांव या जिलों में खेल अभ्यास की सुविधा न होने ओर उचित डायट न मिलने से कईं ने अभ्यास भी छोड़ दिया है। उन्होने सुझाव दिया कि जिस तरह खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सरकारी स्कूलों मे मिड-डे-मील योजना के तहत स्टूडेंट्स के खाते में पैसा भेजा जा रहा है उसी तरह खिलाड़ियों के खाते में भी पैसा भेजा जाए। यदि पूरा पैसा भेजना संभव नही है तो डायट मनी के लिए निर्धारित राशि में से आधा यानी 125 प्रति खिलाड़ी प्रतिदिन के हिसाब से हॉस्टल और स्पोर्ट्स कॉलेज के खिलाड़ियों के खाते में भेजा जा सकता है।
भारतीय ओलंपिक संघ के कोषाध्यक्ष डा.पाण्डेय ने ऐसा ही एक पत्र केन्द्रीय खेल मंत्री किरन रिजिजू को लिखा है और खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत दी जा रही मिड-डे-मील की तर्ज पर डायट मनी की राशि जारी करने की अपील की। उन्होने सलाह दी कि भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के एसटीसी सेंटर व साई के हास्टल व एनसीओई काफी समय से बंद है। इन हास्टल में रहकर ट्रेनिंग करने वाले खिलाड़ी ज्यादातर गरीब परिवार के होते हैं और कई राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता और बेहतर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी है। हालांकि ये काफी समय से घर पर है लेकिन इनको घर पर पर्याप्त डाइट के भी लाले पड़े है।
डॉ. पाण्डेय ने अनुरोध किया कि जिस तरह यूपी सरकार खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत इस समय स्कूलो में पढ़ रहे बच्चों के लिए मिड-डे-मील के तहत धनराशि देती है। उसी तर्ज पर साई में प्रशिक्षण ले रहे इन खिलाड़ियों को डायटमनी की राशि भी खाते में स्थानांतरित की जा सकती है। उन्होंने सलाह दी कि हास्टल में रहने वाले खिलाड़ियों के लिए एलाट बजट का कुछ हिस्सा डाइट मनी के तौर पर दिया जा सकता है ताकि ये खिलाड़ी अपने घर पर ही पौष्टिक आहार लेकर अपना अभ्यास जारी रख सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए भारतीय खेल प्राधिकरण के क्षेत्रीय केंद्रों का भी सहारा लिया जा सकता है।