नई दिल्ली। भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के कोषाध्यक्ष डॉ आनन्देश्वर पाण्डेय ने कहा है कि यदि खेलों में महाशक्ति बनाना है तो देश में खेल संस्कृति का विकास करना होगा जो सिर्फ शारीरिक शिक्षा से ही संभव है। फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पेफी) द्वारा डीपीएस पब्लिक स्कूल साकेत और जी डी गोयनका पब्लिक स्कूल गाजियाबाद के सहयोग से आयोजित सात दिवसीय वर्चुअल फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के समापन सत्र को संबोधित करते हुए आनन्देश्वर पाण्डेय ने कहा कि देश को यदि खेलों में महाशक्ति बनाना है तो देश में खेल संस्कृति का विकास करना होगा जो सिर्फ शारीरिक शिक्षा से ही संभव है।
आनन्देश्वर पाण्डेय ने कहा कि आज देश में हर जगह खेल प्रशिक्षक भले ही उपलब्ध ना हों, लेकिन शारीरिक शिक्षक हर जगह उपलब्ध हैं। यदि इन्हें सही ट्रेंिनग दी जाए तो देश में खेल संस्कृति का विकास किया जा सकता है। आज देश की 136 करोड़ की आबादी में बमुश्किल एक करोड़ लोग ही खेलों में भाग लेते है, जिसके कारण देश खेलों में उच्च स्तर पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता है।
कई छोटे-छोटे देश जिनकी आबादी भारत की राजधानी से भी कम है वहां 90 प्रतिशत तक लोग खेलों में जुड़े रहते हैं क्योंकि उनके यहां खेल संस्कृति का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि पेफी द्वारा इस लॉकडाउन के दौरान शारीरिक शिक्षकों और खेल प्रशिक्षकों के लिए चलाये जा रहे इस तरह के प्रोग्राम सराहनीय है जिससे शिक्षक अपने ज्ञान में वृद्धि करके देश में खेलों के विकास में अपनी महती भूमिका अदा करेंगे।