नई दिल्ली। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से नहीं डरने का ऐलान कर दिया है। इस अमेरिकी रिसर्च कंपनी की समूह के बारे में जारी की गई एक रिपोर्ट ने बीते कुछ दिनों में बड़ा भूचाल लाया है। इसके चलते अडानी एंटरप्राइजेज के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) को लेकर निवेशकों के बीच आशंकाएं बनी हुई हैं। लेकिन अब समूह ने इस एफपीओ को लेकर बड़ी घोषणा की है।
अमेरिकी फाइनेंस रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अडानी एंटरप्राइजेज समेत समूह की लगभग सभी लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गयी है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अडानी ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा, ‘अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड का एफपीओ निर्धारित समय और घोषित मूल्य दायरे के अनुसार चल रहा है। इसके शेयर प्राइस बैंड में कोई बदलाव नहीं हुआ है। बैंकरों और निवेशकों सहित हमारे सभी स्टेकहोल्डर्स को कंपनी के एफपीओ पर पूरा भरोसा है। हम एफपीओ की सफलता को लेकर बेहद आश्वस्त हैं।’ हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को अडानी समूह ने दुर्भावनापूर्ण और फर्जी बताया है। कंपनी का कहना है कि ये रिपोर्ट उसके एफपीओ को नाकाम करने के इरादे से लाई गई है। उल्लेखनीय है कि अडानी समूह की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ को शुक्रवार को आवेदन के पहले दिन केवल एक प्रतिशत सब्सक्रिप्शन हासिल हुआ है; यह एफपीओ 31 जनवरी को बंद होगा।
बीएसई पर मौजूद सूचना के मुताबिक अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ के पहले दिन 4।55 करोड़ शेयर के बदले केवल 4।7 लाख शेयरों के लिए ही बोली आई। एफपीओ के लिये शेयर प्रादस बैंड 3,112 से 3,276 रुपये प्रति शेयर रखा गया है। हालांकि शुक्रवार को इसका शेयर बीएसई पर 2,762।15 रुपये के भाव पर बंद हुआ। एफपीओ खुलने के पहले अडानी एंटरप्राइजेज ने एंकर यानी बड़े निवेशकों से 5,985 करोड़ रुपये जुटाए थे। हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट में अडानी समूह पर खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। यह रिपोर्ट आने के बाद विविध कारोबार से जुड़े अडानी समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई है।