नई दिल्ली। चीन में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है। भारत में भी मोदी सरकार ने कोरोना संक्रमण से संबंधित प्रोडक्ट्स के निर्यात की निगरानी शुरू कर दी है। इनमें पीपीई किट, मास्क, वेंटिलेटर और कुछ दवाइयां जैसे पैरासिटामॉल शामिल हैं। इस कदम का मकसद है कि कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी की वजह से किसी इमरजेंसी की स्थिति में मुश्किल का सामना न करना पड़े। अधिकारियों ने कहा कि वे इन सभी उत्पादों के निर्यात पर लगातार नजर रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे उचित फैसले के लिए हालात की निगरानी कर रहे हैं। उनके मुताबिक, हालांकि इस समय स्थिति चिंताजनक नहीं है। लेकिन हमें हर तरह की स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए और उसके लिए हमें अपनी घरेलू जरूरतों का ध्यान रखना होगा। उन्होंने आगे कहा कि हमने पीपीई किट, सिरिंज, दस्ताने, रेमडेसिविर और पैरासिटामॉल जैसी कुछ दवाओं आदि उत्पादों पर निगरानी के उद्देश्य से दैनिक आधार पर आंकड़े जमा करना शुरू कर दिया है। यह मामला हाल ही में मंत्रालयों की एक बैठक में सामने आया था, जिसमें इस स्थिति से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया गया था। बैठक में वाणिज्य मंत्रालय, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग, स्वास्थ्य और कपड़ा मंत्रालयों समेत विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे।
सरकार ने महामारी से निपटने के लिए 2020 में पीपीई किट, सैनिटाइजर, दस्ताने, परीक्षण किट, सिरिंज, रेमडेसिविर और दूसरी दवाओं समेत विभिन्न उत्पादों के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को आगाह किया कि देश में अगले 40 दिन अहम होंगे और जनवरी में भारत में कोविड-19 के मामले बढ़ सकते हैं। चीन में कोरोना महामारी के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है और इससे लोगों को भारत में भी एक और कोविड लहर की आशंका सताने लगी है। वहीं, सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से पूरी तैयारी रखने को कहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया मामले बढ़ने की किसी भी संभावित स्थिति से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए बैठक कर चुके हैं।