नई दिल्ली। सरकार ने देश में मोबाइल के 6G नेटवर्क के ट्रायल पर तैयारी शुरू कर दी है। टेलीकॉम विभाग ने इसके लिए सरकारी टेलीकॉम रिर्सच कंपनी सी- डॉट (C-DoT) को जिम्मा दिया है। सी-डॉट को मोबाइल के 6G नेटवर्क पर काम शुरू करने का निर्देश दिया गया है। C-DoT को कहा गया है कि 6G से जुड़ी सभी तकनीकी संभावनाओं पर विचार किया जाए। समय पर यह काम पूरा करने का आदेश है ताकि दुनिया के बाजारों में 6G नेटवर्क के मामले में बड़ी कंपनियों के साथ मुकाबले किया जा सके। काम देर से शुरू होने पर भारत इस तकनीकी मुकाबले से बाहर हो सकता है। दुनिया की कई कंपनियां जैसे कि सैमसंग, हवाई, एलजी और अन्य कंपनियों बहुत पहले 6G टेक्नोलॉजी पर काम शुरू कर चुकी हैं। माना जा रहा है कि 6G टेक्नोलॉजी 5G टेक्नोलॉजी से 50 गुना तक तेज होगी। यह स्पीड इंटरनेट की होगी। एक अनुमान के मुताबिक 2028-30 तक दुनिया में 6G टेक्नोलॉजी के लॉन्च होने की संभावना है। भारत सहित कई देशों में भी 5G का ट्रायल चल रहा है। भारत में अभी इसे बड़े पैमाने पर लॉन्च किया जाना है।
लेकिन टेलीकॉम विभाग ने इसी के साथ 6G पर काम शुरू करने का निर्देश दिया है ताकि अंत समय में पिछड़ जाने वाली स्थिति पैदा न हो। तकनीकी स्तर पर बात करें तो 5G का डाटा डाउलोड स्पीड लगभग 20 गीगाबिट प्रति सेंकंड (gbps) तक जा सकता है। लेकिन मोबाइल कंपनियां कितना देती हैं, अभी यह पूरी तरह से साफ नहीं है। वोडाफोन आइडिया ने दावा किया है कि 5G के ट्रायल में सबसे ज्यादा डाटा डाउनलोड की स्पीड 3।7 जीबीपीएस है। यह स्पीड ट्रायल रन का है। 5G शुरू होने के बाद डाउनलोड की गति में वृद्धि देखी जा सकती है।
5G की 10 गुना ज्यादा Speed
सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स (C-DoT) ने कहा है कि टेलीकॉम सचिव ने इस बात पर जोर दिया है कि सी-डॉट को 6G की उभरती टेक्नोलॉजी और मार्केट पर गौर करना है। सचिव ने कहा है कि भविष्य की टेक्नोलॉजी को देखते हुए 6G पर काम शुरू कर दिया जाए ताकि दुनिया के बाजार में बाकी कंपनियों के साथ मुकाबला किया जा सके। टेलीकॉम विभाग के मुताबिक ग्राहक 4G में जो स्पीड अभी पा रहे हैं, उससे लगभग 10 गुना ज्यादा 5G में डाउनलोड स्पीड प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही 5G की स्पेक्ट्रम क्षमता 4G के मुकाबले 3 गुना तक ज्यादा है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने पूरे देश में सबसे ज्यादा स्पीड जियो नेटवर्क का रिकॉर्ड किया है। जियो नेटवर्क के 4G की स्पीड 20 मेगाबिट प्रति सेकंड पाया गया है। टेलीकॉम विभाग देश में बहुत जल्द 5G नेटवर्क की कॉमर्शियल लॉन्चिंग करेगा। विभाग ने अभी स्पेक्ट्रम के बेस प्राइस के बारे में ट्राई से सुझाव मांगा है। इसी बेस प्राइस के आधार पर मोबाइल कंपनियों को 5G सर्विस के स्पेक्ट्रम दिए जाएंगे। टेलीकॉम विभाग के सचिव राजारमन ने सी-डॉट से कहा है कि मोबाइल टेक्नोलॉजी को कैसे कमर्शियल बनाया जा सकता है, इस पर गहराई से सोचने की जरूरत है। मोबाइल टेक्नोलॉजी को और ज्यादा तेज और तीव्र बनाने का भी प्रयास होना चाहिए।
5G का हाल
वोडाफोन आइडिया ने दावा किया कि पुणे में 5G ट्रायल के दौरान उसने 3।7 गीगाबिट प्रति सेकेंड (जीबीपीएस) की सबसे अधिक गति हासिल की है, जो भारत में किसी भी मोबाइल प्रोवाइडर द्वारा हासिल की गई सबसे तेज गति है। कंपनी ने गांधीनगर और पुणे में मिड-बैंड स्पेक्ट्रम में 1।5 जीबीपीएस डाउनलोड की गति दर्ज करने का भी दावा किया है। DoT ने वीआई (वोडाफोन आइडिया) को 5जी नेटवर्क ट्रायल के लिए पारंपरिक 3।5 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड के साथ-साथ 26 गीगाहर्ट्ज (जीएचजेड) जैसे हाई फ्रीक्वेंसी बैंड आवंटित किए हैं। टेलीकॉम विभाग ने इस साल मई में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन और बाद में एमटीएनएल के आवेदनों को मंजूरी दी थी। उन्हें मोबाइल और उससे जुड़े औजार बनाने वाली कंपनियों एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग और सी-डॉट के साथ छह महीने के ट्रायल के लिए मंजूरी दी गई है। इससे पहले भारती एयरटेल ने मुंबई में 5G फील्ड ट्रायल के दौरान फिनलैंड की कंपनी नोकिया के नेटवर्क उपकरणों का इस्तेमाल करते हुए एक गीगाबिट प्रति सेकेंड (1,000 एमबीपीएस) से ज्यादा की रफ्तार दर्ज की। कंपनी मुंबई के लोअर परेल इलाके के फीनिक्स मॉल में 5G का लाइव ट्रायल कर चुकी है।