नई दिल्ली. कोरोना महामारी की वजह से देश में ज्यादातर लोग अपने वाहन से यात्रा करना पसंद कर रहे है. जिसका सीधा फायदा ऑटो सेक्टर (auto sector) को मिल रहा है. आर्थिक मंदी और कोरोना महामारी के बावजूद फेस्टिव सीजन (Festive season) मे ऑटो सेक्टर में जमकर कारों की बिक्री हुई है.
जिसकी बड़ी वजह कोविड-19 (Covid-19) के दौरान सेफ जर्नी करना भी है. लेकिन देश में बहुत से ऐसे लोग भी है जो नई खरीदने में सक्षम नहीं है. ऐसे में इन लोगों के पास सेकंड हैंड कार (Second hand car) खरीदने का बेहतरीन ऑप्शन है. क्योंकि दिल्ली में कई ऐसे कार मार्केट है जहां आपको अच्छी कंडीशन और उचित कीमत (Fair price) पर सेकंड हैंड कार मिल सकती है. आइए इन मार्केट के बारे में जानते है.
करोल बाग में है सेकंड हैंड कार का सबसे बड़ा मार्केट- दिल्ली के करोल बाग मार्केट में सेकंड हैंड मारुति वैगनआर को सिर्फ 50 से 60 हजार रुपए में खरीद सकते हैं. हालांकि, ये मॉडल 10 साल तक पुराने हो सकते हैं. बता दें कि नई वैगनआर की एक्स-शोरूम कीमत 4.45 लाख रुपए से शुरू है. वहीं, ऑन रोड इसकी कीमत करीब 5.50 लाख रुपए तक हो जाती है. ऐसे में कम कीमत पर आप सेकंड हैंड कार आसानी से खरीद सकते हैं. इसके अलावा आपको इस मार्केट में और भी बेहतरीन ऑप्शन मिल सकते हैं.
दिल्ली में है 15 साल पुरानी कार चलाने की परमिशन नहीं- दिल्ली में 15 साल पुरानी कार को चलाने की परमिशन नहीं होती है. ऐसे में लोग इतनी पुरानी कार बेहद सस्ते में बेच देते हैं. जिनको सेकंड हैंड कार के डीलर आसपास के राज्यों में अच्छी कीमत पर री-सेल कर देते है. क्योंकि कई राज्यों में कार को 20 साल तक कार चलाने की परमिशन है. हालांकि, शुरुआत में RTO की तरफ से कार का रजिस्ट्रेशन 15 साल का होता है. बाद में कार की स्थिति को देखकर 5 साल के लिए इसे रिन्यू कराया जा सकता है.
सेकंड हैंड कार को करा सकते है फाइनेंस- दिल्ली में यदि आप सेकंड हैंड खरीदने की सोच रहे है. तो आपको यहां कार फाइनेंस कराने की सुविधा भी मिल जाएगी. इसके लिए आपको सेकंड हैंड कार मार्केट में डीलरों से संपर्क करना होगा और कुछ जरूरी दस्तावेज मुहैया कराने होगे. इसके बाद कार डीलर आपको सेकंड हैंड कार को पूरा फाइनेंस करा सकते है.
सेकंड हैंड कार खरीदने के जरूरी टिप्स- आप जब भी सेकंड हैंड कार खरीदे तो उसकी कीमत को लेकर जरूर मोलभाव करें. आप जिस कार को खरीद रहे है उसके इंटीरियर और एक्सटीरियर की जरूर पड़ताल कर ले. इसके अलावा हो सके तो आप कार को कम से कम 50 किलोमीटर की टेस्ट ड्राइव जरूर ले. इससे आपको कार के इंजन की सारी खामियां पता चल जाएगी.