कोरोना महामारी के दौर में लाखों वर्कर्स को राहत देते हुए केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने रविवार को EPFO और ESIC के कर्मचारियों के लिए बड़ा ऐलान किया। सरकार ने उनकी पेंशन और इंश्योरेंस की सुविधाओं में इजाफा करने का फैसला लिया है। जो कर्मचारी ईपीएफओ के तहत इंप्लॉई डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (EDLI) से जुड़ा होगा, उसके सम एस्योर्ड को 6 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है।
साथ ही जो कर्मचारी इंप्लॉई स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (ESIC) के अंतर्गत आते हैं, उनकी कोरोना से मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को भी पेंशन दी जाएगी। श्रम मंत्रालय की तरफ से रविवार को यह आदेश जारी किया गया है। ये सुविधाएं ईएसआईसी और ईपीएफओ के अंतर्गत दी जाएंगी। मंत्रालय ने ये भी बताया कि इन अतिरिक्त सुविधाओं के लिए कर्मचारियों को अलग से कोई शुल्क नहीं चुकाना होगा।
अब तक के नियमों के मुताबिक ESIC के तहत इंश्योर्ड कर्मचारियों के आश्रित को तभी पेंशन मिल पाती है, जब उसकी काम के दौरान मृत्यु हो जाती है या कोई बड़ी दुर्घटना हो जाती है। अब इस नियम में कोरोना महामारी से हुई मृत्यु के प्रावधान को भी जोड़ दिया गया है। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि कर्मचारी के सभी आश्रित जिनका नाम कर्मचारी के कोरोना बीमारी की चपेट में आने और इसका इलाज शुरू होने से पहले ESIC से ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज है, उन्हें पेंशन के नए नियम के तहत पेंशन की सभी सुविधाएं दी जाएंगी। ये सुविधाएं कर्मचारी की मृत्यु के बाद से शुरू हो जाएंगी।
ESIC का कर्मचारी ऑनलाइन पोर्टल पर कम से कम तीन महीने से रजिस्टर्ड होना चाहिए। रजिस्ट्रेशन की अवधि कोरोना पॉजिटव होने और इलाज के दौरान मृत्यु से 3 महीने पहले की निर्धारित की गई है।
कर्मचारी को नियोक्ता की तरफ से कम से कम 78 दिन तक मेहनताना और ईएआई के अंशदान का फायदा मिला हो. 24 मार्च, 2020 से इस सुविधा को प्रभावी कर दिया गया है जो अगले 2 साल तक जारी रहेगी।
EDLI से जुड़े किसी कर्मचारी की कोरोना से मौत होने पर उसके सभी आश्रितों को ईडीएलआई की सुविधाएं दी जाएंगी।
इसके अंतर्गत पहले कर्मचारी के आश्रितों को 6 लाख बीमा का लाभ मिलता था, जिसे बढ़ाकर 7 लाख कर दिया गया है।
अगर कर्मचारी ने किसी कंपनी में लगातार 12 महीने काम किया है तो उसकी मृत्यु के बाद उसके परिवार के सदस्यों को 2.5 लाख रुपये का बीमा मिलता है। इस नियम के चलते कॉन्ट्रेक्ट पर काम करने वाले या कैजुअल श्रमिकों को इस बीमा सुविधा का लाभ नहीं मिल पाता था। अब वे भी इसके हकदार होंगे।