नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि यानी ईपीएफ (EPF) निवेश को लेकर सभी जानते हैं कि इसके कितने फायदे हैं। लेकिन बहुत से लोग यह नहीं जानते कि वे अपने ईपीएफ अकाउंट पर पेंशन (Pension) के हकदार हैं। सैलरीड क्लास के भविष्य और रिटायरमेंट बेनिफिट के लिए ईपीएफ निवेश की सबसे सुरक्षित और फायदेमंद योजना है। ईपीएफओ (EPFO) के मेंबर्स को हर महीने अपनी सैलरी से अपने पीएफ अकाउंट में योगदान देना होता है. कर्मचारियों की बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हर महीने ईपीएफ अकाउंट में जमा होता है और इतनी ही राशि नियोक्ता कंपनी या संस्था कर्मचारी के ईपीएफ अकाउंट में जमा कराती है।
ईपीएफओ मेंबर्स को कई तरह के बेनिफिट मिलते हैं, जिनमें पेंशन भी एक है. लेकिन बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं कि वे अपने ईपीएफ अकाउंट पर पेंशन के हकदार हैं। मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) के साथ रजिस्टर्ड टैक्स एंड इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट जितेंद्र सोलंकी ने कहा कि ईपीएफओ मेंबर्स को पेंशन पाने की हकदार बनने के लिए बिना किसी रुकावट के कम से कम अपने ईपीएफ अकाउंट में 15 साल योगदान देना होता है।
उन्होंने कहा कि जब कर्मचारियों का ईपीएफ अकाउंट खुलता है तो इसके साथ ही इनका ईपीएस अकाउंट भी खुल जाता है, जिसमें नियोक्ता कंपनी या संस्था को कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12% जमा कराना होता है। इस 12% में से 8.33% कर्मचारी के ईपीएस अकाउंट में जमा होता है, जबकि 3.67% ईपीएफ अकाउंट में जमा होता है। जिनकी सैलरी 15,000 रुपये प्रति माह से कम है, वे EPF अकाउंट के हकदार नहीं हैं। इसलिए जब आप अपने ईपीएफ का बैलेंस चेक करते हैं तो उसमें जमा राशि आपके योगदान का दोगुना नहीं दिखाता है।
ईपीएफओ के नियमों में हुए बदलाव पर सेबी में रजिस्टर्ड टैक्स एंड इंवेस्टमेंट सॉल्यूशन कंपनी CAG इंफोटेक के एमडी अमित गुप्ता ने कहा कि पहले ईपीएफओ का फायदा सभी कर्मचारियों को मिलता था। लेकिन अब जिनकी सैलरी 15,000 रुपये प्रति माह से कम है, वे ईपीएफ अकाउंट के हकदार नहीं हैं। जितेंद्र सोलंकी ने कहा कि ईपीएफओ के नियमों के मुताबिक कर्मचारियों को पेंशन तब मिलता है जब उनकी उम्र 58 साल या इससे अधिक हो जाती है. ईपीएफओ मेंबर्स को हर महीने कम से कम 1000 रुपये पेंशन मिलता है।