नई दिल्ली। कोविड-19 के कारण यात्री ट्रेनों के राजस्व में गिरावट के बीच रेलवे को बढ़ी माल ढुलाई के दम पर चालू वित्त वर्ष में मुनाफे में रहने की उम्मीद है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में कहा ‘‘चालू वित्त वर्ष में माल ढुलाई से प्राप्त राजस्व पिछले साल की तुलना में अधिक रहने की उम्मीद है जबकि यात्री किराये से प्राप्त राजस्व में गिरावट आयेगी। ऐसे में हम ट्रेनों के रखरखाव पर लागत कम करने की कोशिश कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि परिचालन अनुपात पिछले वित्त वर्ष की तुलना में कम से कम खराब न हो।’’ रेलवे का परिचालन अनुपात वित्त वर्ष 2019-20 में 98.41 प्रतिशत रहने का अनुमान है यानी रेलवे ने हर एक रुपये के राजस्व के लिए 98.41 पैसे खर्च किये। वित्त वर्ष 2018-19 में यह 97.29 प्रतिशत रहा था।
श्री यादव ने कहा कि अक्टूबर में माल ढुलाई और यात्रियों की संख्या दोनों में बहुत सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि अक्टूबर महीने में 13 तारीख तक रेलवे ने 4.35 करोड़ टन की माल ढुलाई की है। पिछले साल इसी अवधि में यह आँकड़ा 3.69 करोड़ टन रहा था। इस प्रकार माल परिवहन 18 प्रतिशत बढ़ा है। इस दौरान माल ढुलाई से प्राप्त राजस्व भी 3,716.65 करोड़ रुपये से 11 प्रतिशत बढ़कर 4,124.12 करोड़ रुपये पर पहुँच गया।
कोविड-19 और लॉकडाउन के कारण वित्त वर्ष के पहले चार महीने रेल मार्ग से माल परिवहन में गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन अनलॉक के साथ आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ने से इसमें धीरे-धीरे तेजी दर्ज की जा रही है। इसमें मई में 21 प्रतिशत, जून में आठ प्रतिशत और जुलाई में पाँच प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। अगसत से माल ढुलाई बढ़नी शुरू हुई। अगस्त में इसमें चार प्रतिशत और सितंबर में 15 प्रतिशत की वद्धि रही जबकि अक्टूबर में पहले 13 दिन के दौरान माल परिवहन 18 प्रतिशत बढ़ गया।