नई दिल्ली। हजारों करोड़ रुपये के कर्ज के बोझ तले दबी सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया के विनिवेश की शर्तों को संभावित निवेशकों के लिए और आकर्षक बनाने के लिए सरकार इसमें बदलाव कर सकती है। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी की मौजूदगी में मंत्रालय के सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने गुरुवार को यहाँ एक संवाददाता सम्मेलन में कहा - कोविड-19 के कारण विमानन उद्योग काफी बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
संभावित निवेशकों को कारोबार के अपने हिसाब-किताब में बदलाव करना पड़ा है। इसलिए उन्होंने और समय माँगा था जो हम उन्हें दे रहे हैं।’’ विनिवेश की शर्तों में बदलाव के संकेत देते हुये उन्होंने कहा कि एयर इंडिया विनिवेश को लेकर कुछ सुझाव मिले हैं जिन पर ‘‘समुचित स्तर पर’’ बातचीत चल रही है ताकि विनिवेश की सफलता सुनिश्चित की जा सके। जल्द ही इस पर फैसला ले लिया जायेगा और उसके बाद विनिवेश प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
एयरलाइंस के विनिवेश के लिए प्राथमिक सूचना दस्तावेज 27 जनवरी को जारी किया गया था। अभिरुचि पत्र जमा कराने की अंतिम तारीख कई बार आगे बढ़ाई जा चुकी है। अभी इसकी अंतिम तारीख 30 अक्टूबर है। विनिवेश में देरी की बात को खारिज करते हुये श्री खरोला ने कहा कि पहले कोविड-19 और लॉकडाउन के कारण कई विदेशी संभावित निवेशकों ने कहा था कि उनके विशेषज्ञ भारत नहीं आ पा रहे हैं। इस कारण उन्हें अधिक समय चाहिये। इसके बाद उन्होंने उद्योग के बदले समीकरण के मद्देनजर समय माँग है। इससे पहले पुरी ने कहा कि पिछली बार एयर इंडिया का विनिवेश इसलिए विफल हो गया था क्योंकि उस समय आधे-अधूरे मन से प्रयास किया गया था। इस बार पूरी गंभीरता से प्रयास किया जा रहा है।