आरबीआई ने आदित्य बिड़ला आईडिया पेमेंट्स बैंक को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। आरबीआई ने बैंकिंग नियमन अधिनियम के तहत बैंकिंग कंपनी का दर्जा समाप्त कर दिया है। आरबीआई के मुताबिक अब इस पेमेंट बैंक के इस्तेमाल पर पूरी तरीके से पबांदी लग चुकी है। पिछले साल नवबंर से ही इस पेमेंट बैंक को पूरी तरीके से बंद करने की प्रक्रिया चल रही थी। उस समय रिजर्व बैंक ने कहा था कि आदित्य बिड़ला आईडिया पेमेंट्स बैंक के स्वैच्छिक तौर पर पूरे बिजनेस को समाप्त करने का आवेदिन दिया है. जिस पर आरबीआई ने काम शुरू कर दिया है।
रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना जारी करते हुए यह भी कहा है कि बैंकिंग नियमन अधिनियम 1949 के तहत आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक अब बैंकिेग कंपनी के रूप में समाप्त हो गई है। यानी की अब कंपनी किसी भी तरह से बैंकिंग से जुड़ा काम नहीं कर सकती है। यह व्यवस्था 28 जुलाई 2020 से प्रभाव में आ गई है। पिछले साल जुलाई में वोडफोन आईडिया लिमिटेड ने बड़ा फैसला लेते हुए अपने आदित्य बिड़ला आईडिया पेमेंट्स बैंक को बंद कर दिया था। कंपनी ने इसकी वजह लगाता होतो नुकसान को बताया था। कंपनी का कहना था कि हमारा पेमेंट बैंक लगातार नुकसान में जा रहा है। जिसकी वजह से हम इसके परिचालन को बंद कर रहे हैं। जिसे आज आरबीआई ने पूरी तरीके से बंद कर दिया है।
वोडफोन आईडिया का आगे कहना था कि कंपनी के कारोबार का अनिश्चित परिस्थितियों का शिकार हो रहा है, ये भी एक कारण है कि हम अपने इस पेमेंट बैंक को बंद कर रहे हैं। आदित्य बिड़ला आईडिया पेमेंट्स बैंक को आरबीआई ने साल 2017 में पेमेंट बैंक होने का लाइसेंस दिया था। जिसके बाद बैंकिगंक कंपनी के तौर पर वोडफोन आईडिया ने आदित्य बिड़ला आईडिया पेमेंट्स बैंक अप्रैल 2017 में लॉन्च किया था। जिसके बाद आधिकारीक तौर पर इसके परिचालन को 22 फरवरी 2018 शुरू कर दिया गया। आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक में ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड की 51 प्रतिशत और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। दोनों ने मिलकर इसकी शुरूआत की थी. बाद में घाटे में जाने के बाद इसे बंद कर दिया गया।